दिल्ली सरकार ने बुधवार को अमेरिका की टैक्सी बुकिंग कंपनी उबर और ऐसी ही सर्विस प्रदाता दो अन्य कंपनियों ओला और टैक्सी फोर श्योर के लाइसेंस आवेदन को रद्द कर दिया है. दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन तीनों टैक्सी सर्विस प्रदाता कंपनियों के आवेदन इसलिए रद्द किए गए हैं क्योंकि उन्होंने नियमों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया था. तीनों कंपनियों ने पांच माह पहले जारी संशोधित रेडियो टैक्सी स्कीम के तहत लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन किया था.
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने बुधवार को अमेरिका की टैक्सी बुकिंग कंपनी उबर और ऐसी ही सर्विस प्रदाता दो अन्य कंपनियों ओला और टैक्सी फोर श्योर के लाइसेंस आवेदन को रद्द कर दिया है. दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन तीनों टैक्सी सर्विस प्रदाता कंपनियों के आवेदन इसलिए रद्द किए गए हैं क्योंकि उन्होंने नियमों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया था. तीनों कंपनियों ने पांच माह पहले जारी संशोधित रेडियो टैक्सी स्कीम के तहत लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन किया था.
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 28 मई को उबेर और ओला कैब से कुछ जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा गया था. इसके तहत उनसे वाहनों की संख्या और उनके ड्राइवर का पता पूछा गया था, ताकि उनकी सेवाओं का नियमितीकरण सुनिश्चित किया जा सके. लेकिन इन दोनों ही कंपनियों ने यह जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उबर, ओला कैब और टैक्सी फोर श्योर से, पिछले साल दिसंबर में लगाए गए प्रतिबंध के आदेश के अनुपालन के संबंध में इस साल मार्च से लगातार शपथपत्र देने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन उन्होंने यह शपथ पत्र भी नहीं दिया. इसलिए आज उनके लाइसेंस आवेदन को रद्द कर दिया गया.
आवेदन को अस्वीकार किए जाने से बेफिक्र उबर ने कहा कि वह इसके लिए फिर से आवेदन करेगी. उबेर के दिल्ली जीएम गगन भाटिया ने कहा कि संशोधित रेडियो टैक्सी योजना के तहत उनका आवेदन निरस्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन वह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए जाने वाली नई गाइडलाइंस के तहत मोटर व्हीकल कानून की धारा 93 के तहत लाइसेंस के लिए फिर से आवेदन करेंगे. उन्होंने कहा कि यह गाइडलाइंस जारी होने के बाद वह दिल्ली सरकार से आवश्यक मंजूरी मांगेगी. पिछले साल दिसंबर में उबर के ड्राइवर पर एक 27 वर्षीय महिला का बलात्कार करने का आरोप लगने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सभी एप-आधारित कैब सर्विस पर प्रतिबंध लगाया गया था.
IANS