नई दिल्ली. उप राज्यपाल और केजरीवाल सरकार के झगड़े के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय ने दिल्ली में उप राज्यपाल की अनुमति के बिना अन्य राज्यों से प्रति नियुक्ति पर दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में शामिल नए अधिकारियों का वेतन रोकने का मन बनाया है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अगर एसीबी में अन्य राज्यों से अधिकारियों की प्रति नियुक्ति पर उपयुक्त प्राधिकार उप राज्यपाल से औपचारिक मंजूरी नहीं ली गई है तो यह ‘अवैध’ है. यदि सेवा नियमों का अनुसरण नहीं किया गया है तो केंद्र सरकार संबंधित अधिकारियों के वेतन को रोकने को मजबूर होगी.
कहां-कहां है विवाद
पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो में दिल्ली पुलिस से अधिकारी लिए जाते रहे हैं लेकिन क्या इन नियुक्तियों से पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर से राय ली गई थी? इसकी जांच होनी चाहिए. इस बार बिहार पुलिस ने हाल ही में बताया था कि उसके छह अफसर एक डीएसपी और पांच इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर एसीबी ज्वाइन करेंगे. इनमें से तीन ऑफिसर्स ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है. अभी तक उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच पहले से ही अपने-अपने कार्यक्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है और एलजी के अधिकारों को लेकर गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन का मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
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