बरेली. देश भर से अमानवीयता की खबरें आने का सिलसिला रुक नहीं रहा है. इस बार मामला उत्तर प्रदेश के बदायुं का है, जहां एक एचआईवी गर्भवती महिला का इलाज करने से मना कर दिया गया. इसके बाद एक मां को अपना बच्चा खोना पड़ा.
यह घटना बदायुं के रहने वाले दंपत्ति के साथ हुआ. इस दंपत्ति की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी. पति को जब कोई खास काम नहीं मिला, तो वह पत्नी को लेकर दिल्ली आ गया. यहां कुछ समय बाद पत्नी बीमार रहने लगी. ईलाज कराने पर पता चला की वह एचआईवी पॉजिटिव है. आर्थिक हालत खराब होने के कारण पत्नी का दिल्ली में ईलाज न हो सका और दोनों को बदायुं लौटना पड़ा.
महिला की डिलिवरी के समय उसका पति बदायुं के अस्पताल में लेकर गया जहां, एचआईवी पॉजिटिव होने के कारण इलाज के लिए मना कर दिया गया. उनसे ग्लव्स के लिए 2000 रुपये मांगे गए. जब वे पैसों को इंतजाम न करे सके तो पति अपनी पत्नी को 50 किमी. दूर लेकर बरेली आया ताकि बच्चे की सही सलामत डिलिवरी कराई जा सकेगा.
लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. महिला की डिलिवरी तो हुई लेकिन उसने एक मरे हुए बच्चे को जन्म दिया. डॉक्टर का कहना है कि अगर महिला को समय पर अस्पताल लाया जाता तो बच्चे को बचाया जा सकता था.
बदायुं अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. इससे पहले ओडिशा में एंबुलेंस न मिलने पर लाश को कंधे पर ढोने का मामला सामने आया था. वहीं, यूपी में एक अन्य मामले में ईलाज न मिलने के कारण एक बेटे ने अपने पिता के कंधे पर दम तोड़ दिया था.