भारत ने 126 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के पहले हो चुके सौदे को भारी-भरकम लागत की वजह से रद्द करते हुए केवल 36 फ्रांसीसी विमान खरीदने का फैसला किया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 126 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए यूपीए सरकार द्वारा किए गए 20 अरब डॉलर के सौदे को 'आर्थिक रूप से अव्यावहारिक' बताया.
नई दिल्ली. भारत ने 126 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के पहले हो चुके सौदे को भारी-भरकम लागत की वजह से रद्द करते हुए केवल 36 फ्रांसीसी विमान खरीदने का फैसला किया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 126 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए यूपीए सरकार द्वारा किए गए 20 अरब डॉलर के सौदे को ‘आर्थिक रूप से अव्यावहारिक’ बताया.
जब रक्षा मंत्री से पूछा गया कि बाकी जरूरत का क्या होगा, तो उन्होंने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, हम बाकी विमानों को नहीं खरीद रहे. हम केवल सीधे 36 विमानों को खरीद रहे हैं. पर्रिकर ने कहा कि 126 राफेल विमान खरीदने के लिए यूपीए का सौदा बहुत महंगा था और यह भारतीय सेना की अन्य आधुनिकीकरण योजनाओं को बाधित करता. उन्होंने कहा कि सौदे के लिए 10 से 11 साल की अवधि में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती. उन्होंने कहा, क्या अन्य किसी काम के लिए पैसा रहता? रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे भी लगता है कि मेरे पास बीएमडब्ल्यू और मर्सडीज हो. लेकिन मैं नहीं रखता, क्योंकि मैं इसका खर्च नहीं उठा सकता. पहली बात तो मैं इसका खर्च नहीं उठा सकता और दूसरी बात कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है. इसलिए 126 राफेल विमान आर्थिक रूप से अव्यावहारिक हैं. ये जरूरी नहीं हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने पिछले महीने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान सरकार से सरकार के बीच (जी2जी) करार के तहत उड़ान भरने की स्थिति वाले 36 राफेल विमान खरीदने के फैसले की घोषणा की थी.
पर्रिकर ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी द्वारा शुरू की गई निविदा प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और कहा कि एंटनी ने निविदा प्रक्रिया में इस तरह रोड़े डाले कि राफेल सौदा कभी लागू नहीं हो पाता. उन्होंने कांग्रेस की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्रालय और सैन्य परियोजनाओं पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की शीर्ष इकाई रक्षा खरीद परिषद की अवहेलना की. पर्रिकर ने कहा कि सौदे पर अभी दस्तखत हुए नहीं हैं और उन्हें प्रक्रिया पूरी होने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए. रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि करार पर काम करने के लिए बनाई गई समिति अगले दो-तीन महीने में काम पूरा कर लेगी.