नई दिल्ली. यूजीसी शिक्षकों की बहाली को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर रहा है. यूजीसी अगले पांच सालों में एक हजार शिक्षकों की नियुक्ति करेगा. विश्वविद्यालय में फिलहाल शिक्षकों के दो हजार से ज्यादा पद खाली है. शिक्षकों की भरती प्रकिया अलग – अलग विवादों के कारण हमेशा लटकी रही है लेकिन इस बार यूजीसी ने नियुक्ती को लेकर विशेषज्ञ शिक्षकों का एक पूल तैयार करने की कोशिश में है. विश्वविद्यालय में शिक्षी की स्थिति को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. ज्यादातर शिक्षक अनुबंध पर काम कर रहे हैं.
किसी खास विषय पर रिसर्च करने वाले छात्र भी बाहर का रुख कर रह हैं. शिक्षकों की कमी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अच्छी तरह समझते हैं शायद यही कारण है कि उन्होंने बड़े अधिकारी और अफसरों से एक दिन छात्रों को देने और पास वाले स्कूल में पढ़ाने का आग्रह किया था. यूजीसी विश्विद्यालय की मांग के आधार पर नियुक्ति करेगा. इसी के मद्देजनर पांच साल में लगभग एक हजार शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला लिया है. हालांकि इस नियुक्ति को लेकर यूजीसी और विश्वविद्याल के बीच नया विवाद शुरू हो गया है. विश्वविद्याल के कहना है कि इस तरह की नियुक्ति के जरिये यूजीसी विश्विद्यालय से शिक्षक नियुक्ति का अधिकार छिनना चाह रहा है.
IANS
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