ब्राह्मण परिवार से आने वाले शुक्ला जी प्लंबर का काम बड़े शौक से करते हैं और कहते हैं- साहब, ये छेनी-हथौड़ी हमारी रोजी रोटी है. कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता. इंसान को अपनी औकात के हिसाब से काम करना चाहिए और जो काम मिले, उसमें खुश रहना चाहिए.
नई दिल्ली. ब्राह्मण परिवार से आने वाले शुक्ला जी प्लंबर का काम बड़े शौक से करते हैं और कहते हैं- साहब, ये छेनी-हथौड़ी हमारी रोजी रोटी है. कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता. इंसान को अपनी औकात के हिसाब से काम करना चाहिए और जो काम मिले, उसमें खुश रहना चाहिए.
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वरिष्ठ टीवी पत्रकार विकास मिश्रा द्वारा शेयर की गयी पोस्ट के कुछ अंश हैं. विकास मिश्रा ने फेसबुक पर यह पोस्ट शेयर की है जो कि वायरल हो रही है. उन्होने अपनी सोसायटी में प्लम्बर का काम करने वाले शुक्ला जी से सम्बंधित एक घटना का जिक्र किया है.