केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया पर टिप्पणी करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि मेक इन इंडिया को पूरी तरह से विदेशी बाजारों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए. क्योकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती से समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
श्रीनगर. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया पर टिप्पणी करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि मेक इन इंडिया को पूरी तरह से विदेशी बाजारों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए. क्योकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती से समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
रिजर्व बैंक प्रमुख ने इसके अलावा विनिर्माण व सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए अनुकूल नियामकीय वातावरण की जरुरत पर बल दिया है. उन्होंने कहा, ‘भारत में उत्पादन करना, विनिर्माण करना महत्वकांक्षा है. हमें इस बारे में अधिक सोचने की जरुरत नहीं है कि इसे हम कहां बेचेंगे. हमें विनिर्माण व सेवा क्षेत्र की नौकरियों के लिए परिस्थितियां बनानी चाहिए. इससे हम संभवत: कुछ विश्वस्तरीय सेवा क्षेत्र की फर्में, कुछ विश्वस्तरीय विनिर्माण कंपनियां और कुछ असाधारण घरेलू कंपनियां बना सकेंगे जो घरेलू बाजार पर केंद्रित होंगी.’
दो दिन की कश्मीर यात्रा पर आए राजन यहां एसकेआईसीसी में कश्मीर विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल के छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि खूबसूरत बात यह है कि हमें यह चयन नहीं करना है कि किसके लिए उत्पादन करना है. ‘हमें बुनियादी ढांचा बनाने की जरुरत है, कारोबारी नियमनों को सुगम करने और अच्छी श्रम पूंजी बनाने की जरुरत होगी.’ राजन, ने हालांकि, कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की यह प्रमुख योजना सिर्फ विदेशी बाजारों पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए.
IANS