बेंगलुरु. कर्नाटक के बेंगलुरु में एक ऐसी टाऊनशीप ‘द वेदिक विलेज’ का निर्माण किया जा रहा है जिसमें सिर्फ ‘ब्राह्मणों’ को ही घर मिलेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस टाऊनशीप के निर्माण का काम 2013 में शुरु हुआ था जो कि अब तकरीबन पूरा होने वाला है.
टाऊनशीप के लांच होते ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. जानकारी के अनुसार इसके खिलाफ कई वकिलों ने राज्य सरकार और मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर टाऊनशीप के निर्माण को जल्द से जल्द रोकने की मांग है.
वकिलों का कहना है कि टाऊनशीप का निर्माण जातिवाद को बढ़ाने का स्पष्ट उदाहरण है. वहीं वकिलों ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय का सपोर्ट पा रहे ‘द शांनथाना धर्मा परिराकश्ना’ ट्रस्ट इस प्रोजेक्ट के निर्माण और विकास के लिए फंडिंग कर रहा है.
इस प्रोजेक्ट मैनेजर्स ने दावा किया है कि टाऊनशीप की 900 यूनिट्स को बेच दिया गया है जिसका लक्ष्य 1800 यूनिट्स रखा गया था. प्रोजेक्ड मैनेजर के मुताबिक भले ही इस टाऊनशीप में ब्राह्मणों को घर मिले लेकिन जो लोग ब्राह्मण नहीं हैं वे बतौर रिश्तेदार और दोस्त की तरह यहां आ सकते हैं. साथ ही यह भी जरूरी नहीं है कि इसमें काम करने वाले सिर्फ ब्राह्मण ही हों.
वेदिक विलेज की वेबसाइट बनाई गई है जिसमें बिल्डर ने ग्यारह कारण दिए हैं कि क्यों ब्राह्मणों को इसमें प्लॉट या विला खरीदना चाहिए. सबसे बड़ा कारण है यह ब्राह्मण एनआर नारायणमूर्ति का जन्मस्थान है जो इन्फोसिस के संस्थापक हैं..
वेबसाइट पर दिखाई गई हैं ये सुविधाएं
ब्राह्मणों के लिए बनी इस टाऊनशीप में हर चीज की सुविधा दी जा रही है. यहां तक की घरों को भी कई हिस्सों में बाटा गया है जिसमें प्लॉट, लक्जरी विला, अपार्रटमेंट, सिंगल विला, डुपलेक्स विला, रिटायरमेंट अपार्रटमेंट्स शामिल है. इतना ही नहीं इस टाऊनशीप में वेदशाला, गोशला, मंदिर और यज्ञशाला भी बनाई गई है.