पटना. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बीच नीतीश कुमार सरकार के अहम घटक आरजेडी के अध्यक्ष लालू यादव ने ऐलान कर दिया है कि ताड़ी पीने या बेचने पर बिहार में कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा. माना जा रहा है कि लालू की घोषणा के मुताबिक सरकार नए आदेश जारी कर देगी.
लालू का यह बयान नीतीश सरकार की मौजूदा शराबबंदी नीति के खिलाफ है लेकिन माना जा रहा है कि लालू की खुली घोषणा के बाद नीतीश सरकार अपनी शराब विरोधी नीति में ताड़ी को रियायत देगी.
बहुत हद तक संभव है कि नीतीश से सलाह करके ही लालू ने यह ऐलान किया हो और अगर ऐसा नहीं है तो इसका ये मतलब निकाला जाएगा कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. लालू यादव ने गुरुवार को पटना में एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य में अब ताड़ी को बेचने या पीने पर रोक नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि ताड़ी को लेकर आरजेडी सरकार ने जो नीतियां बनाई थीं, वो लागू होंगे.
1 अप्रैल को नीतीश सरकार ने राज्य में आंशिक शराबबंदी लागू किया था जिसे कुछ दिन बाद ही पूरी तरह से लागू कर दिया गया. इसमें सभी तरह की शराब और ताड़ी पीने या बेचने पर रोक शामिल है. ताड़ी पर प्रतिबंध के खिलाफ पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान ने आंदोलन की चेतावनी दी थी.
लालू के इस फैसले से पारंपरिक तौर पर ताड़ी के व्यापार से जुड़े पासी समुदाय के लोग गदगद हैं. ताड़ी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रामबाबु चौधरी ने कहा कि लालू ने बिहार ही नहीं बल्कि देश के लाखों पासी लोगों का दिल जीत लिया है. उन्होंने कहा कि अगर ताड़ी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रहता तो बिहार के 20 लाख पासी बेरोजगार हो जाते.
ताड़ी व्यवसायी संघ के राष्ट्रीय संयोजक नरेंद्र चौधरी ने मांग की है कि ताड़ी बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए पासी समुदाय के सभी लोगों को अविलंब जेल से रिहा करना चाहिए. चौधरी ने तमिलनाडु की तर्ज पर ताड़ पर चढ़ने वालों का जीवन व दुर्घटना बीमा कराने की मांग की है.