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जमीन के अंदर दफ़न रहा साधु, सामने आई समाधि लेने की वजह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में अंधविश्वास का ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जान आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। जी हाँ! 22 साल के साधु वेशधारी युवक ने मोक्ष पाने के लिए जमीन में समाधि ले ली। दरअसल साधु ने चार पुजारियों से मोक्ष पाने के बात कहकर उनकी सहायता से […]

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जमीन के अंदर दफ़न रहा साधु, सामने आई समाधि लेने की वजह
  • September 27, 2022 8:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में अंधविश्वास का ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जान आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। जी हाँ! 22 साल के साधु वेशधारी युवक ने मोक्ष पाने के लिए जमीन में समाधि ले ली। दरअसल साधु ने चार पुजारियों से मोक्ष पाने के बात कहकर उनकी सहायता से जमीन में समाधि ले ली। जैसे ही पुलिस को इस बात का पता चला तो पुलिस ने गड्ढे से मिट्टी हटा उसे बाहर निकाल लिया, जिससे उसकी जान बड़ी मुश्किल से बची।इसके बाद पुलिस ने चारों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। आपको बता दें, युवक गड्ढे के अंदर 7 मिनट तक दफन रहा था।

क्या है पूरा मामला ?

ये पूरा मामला आसीवन थाना क्षेत्र के ताजपुर गांव का है। बांगरमऊ के सीओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ताजपुर गांव के लोगों ने उन्हें जानकारी दी कि 22 वर्षीय युवक मंदिर के पास शाम को समाधि लेने वाला है। युवक का नाम शुभम बताया जा रहा है। जैसे ही पुलिस को खबर हुई वो मौके पर पहुंची। लेकिन तब तक शुभम समाधि ले चुका था। वहीं 4 पुजारी साधु शुभम को दफन कर मिट्टी के ऊपर लाल झंडा गाड़ रहे थे। पुलिस ने बिना देरी किए मिट्टी हटवाकर शुभम को गड्ढे से किसी तरह से बाहर निकाला। युवक गड्ढे के अंदर 7 मिनट तक दफन रहा, फिर भी युवक जीवित था।

मोक्ष पाना चाहता था युवक

पूछताछ के दौरान शुभम ने बताया कि उसने मोक्ष पाने के लिए ये सब कुछ किया था, इसलिए उसने नवरात्र से एक दिन पहले समाधि लेने का दृढ निश्चय किया था। पुलिस ने साधुवेश में 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी ने बताया कि शुभम चार साल से गांव के बाहर झोपड़ी बनाकर रहता था। साथ ही वह काली जी की मूर्ति रखकर पूजा करता था।

पुजारियों ने बताया कि उन्होंने उसे समाधि लेने से रोका था पर उसने एक नहीं सुनी। जिस के बाद गड्ढा खोदकर उसे लिटाया और मिट्टी में बंद कर दिया। अगर पुलिस समय से न पहुंचती तो अंधविश्वास में इस युवक की तो जान ही चली जाती। शुभम के पिता विनीत ने बताया कि मां की मौत के बाद से ही शुभम पूजा-पाठ में लगा रहता है।

 

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