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जीआई टैग का फायदा ये है कि उस प्रोडक्ट का एक तो वो प्रामाणिक उत्पत्ति केंद्र मान लिया जाता है और दूसरा अगर एक्सपोर्ट की जरूरत हुई तो उसका फायदा उस प्रोडक्ट के जीआई टैग क्षेत्र को मिलता है. बंगाल में एक लाख से ज्यादा लोग रसोगुल्ला बनाने के रोजगार में लगे हैं और वहां का रसोगुल्ला विदेश भी भेजा जाता है. बता दें कि भारत में अब तक करीब 239 सामानों के लिए अलग-अलग राज्यों को जीआई टैग दिया जा चुका है जिसमें दार्जिलिंग चाय, मैसूर सिल्क जैसी चीजें शामिल हैं.
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