कोलकाता. साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी इस दुनिया में नहीं रही. आज कोलकाता के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें लीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक वो दो महीने से बीमार चल रहीं थी जिसकी वजह से उन्हें एक अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था.डॉक्टरों के मुताबिक पिछले हफ्ते उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन सोमवार को एक बार फिर से उनकी तबीयत खराब हो होने लगी थी. उसके बाद उन्हें लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया था.
90 साल की महाश्वेता देवी को उनकी कृतियों के लिए रमन मैग्सेसे अवॉर्ड और देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्भ विभूषण सहित तमाम पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी समाज पर उनके काम बेहद उल्लेखनीय हैं. महाश्वेता देवी को साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार भी दिया जा चुका है