गाजियाबाद. शहर में स्कूली बच्ची के द्वारा पिता के अपमान से आहत होकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि सिहानी थाना क्षेत्र के रतन सिंह 3 माह से बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं कर पाए थे. जिसके बाद स्कूल टीचर्स ने फीस के लिए घर आकर रतन सिंह के साथ मारपीट की और उन्हें बेइज्जत किया. इसी से आहत होकर 14 साल की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी.
सूत्रों के अनुसार रतन सिंह यूपी के जालौन के रहने वाले हैं. वह गाजियाबाद में अपने परिवार के साथ रह रहा था. सिक्यॉरिटी गार्ड की नौकरी कर वह पत्नी रानी और तीन बेटियों के साथ किसी तरह गुजर-बसर कर रहा था. प्रियांशी (14) ने इसी साल घूकना स्थित डीएसपी स्कूल से आठवीं पास की थी.
फीस बढ़ने के कारण रतन सिंह ने बच्चों को स्कूल से निकाल लिया था और प्रियांशी का गुरुनानक स्कूल व तीन बच्चों का अलग अलग स्कूल में दाखिला करा दिया था. वह पुराने स्कूल में बच्चों की दो से तीन माह की फीस जमा नहीं कर पाया था. पिछले दस दिन से रानी पैसे का इंतजाम करने के लिए गांव गई हुई थी और बुधवार को घर पर रतन सिंह बच्चों के साथ था.
बताया जा रहा है कि बुद्धवार दोपहर करीब तीन बजे स्कूल की छह शिक्षिकाओं समेत लोग रतन सिंह के घर पहुंचे और बच्चों के सामने ही उसके साथ अभद्र व्यवहार करने लगे. आरोप है कि शिक्षिकाओं ने रतन के साथ मारपीट की और बच्चों से भी बदतमीजी की. रतन सिंह के विरोध करने पर शिक्षिकाओं ने पुलिस को फोन किया और रतन पर ही छेड़छाड़ का आरोप लगाया. मौके पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को चौकी ले आई. प्रियांशी इस हालात को देख नहीं सकी, वह पिता के अपमान से आहत हो उठी और कमरे में जाकर दरवाजे की ग्रिल से दुपट्टे का फंदा लगाकर उसने आत्महत्या कर ली.