नई दिल्ली. केंद्र सरकार देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है. लेकिन रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने सरकार के इन दावों पर शक जताया है. एजेंसी के मुख्य वैश्विक रणनीतिकार रुचिर शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अधिक निजी निवेश की जरूरत है.
शर्मा ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के जीडीपी का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2015-16 की चौथी तिमाही के दौरान 7.9 फीसदी रही जिससे उसी वित्त वर्ष में कुल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पांच साल के उच्चतम स्तर 7.6 फीसदी पर रही. मुद्रास्फीति के बारे में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का इस साल मुद्रास्फीति को पांच फीसदी पर लाने का फैसला उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं के औसत के अनुरूप है.
उन्होंने कहा कि अगर आप चीन, कोरिया, ताइवान विश्व की सबसे सफल अर्थव्यवस्थाओं पर नजर डालें जिन्होंने तेजी से वृद्धि दर्ज की है, तो स्पष्ट होता है कि उन्होंने उस दौरान काफी तेजी से वृद्धि की जबकि मुद्रास्फीति कम थी. उच्च मुद्रास्फीति के साथ कोई भी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन नहीं करती. इसलिए इन देशों की सारी चमत्कारिक अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति उभरते बाजार के औसत से कम रही है.