केजरीवाल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की घोषणा की है, जिसे 'चुनौती 2018' का नाम दिया गया है. इसका ऐलान करते हुए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नौवीं कक्षा में दो या उससे ज्यादा बार फेल होने वाले छात्रों को मॉडीफाइड पत्राचार स्कीम ऑफ एक्जामिनेशन (MPI) के जरिए दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की घोषणा की है, जिसे ‘चुनौती 2018’ का नाम दिया गया है. इसका ऐलान करते हुए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नौंवीं कक्षा में दो या उससे ज्यादा बार फेल होने वाले छात्रों को मॉडीफाइड पत्राचार स्कीम ऑफ एक्जामिनेशन (MPI) के जरिए दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
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#Chunauti2018 is to to close the gaps in No Detention Policy. Simply ‘not failing’ is not the solution. pic.twitter.com/NJfFze7u5N
— Education Minister (@Minister_Edu) June 30, 2016
उन्होंने कहा कि चुनौती 2018 के पीछे की सोच सरकार की यह मंशा है कि 2016-17 में नौंवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों को 2018 की दसवीं परीक्षा के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन किया जा सके, जिससे वे परीक्षा में बेहतर स्कोर कर सकें.
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इस योजना के तहत छात्रों को यूनिफॉर्म, किताबें जैसी आधारभूत सुविधाएं दी जाएंगी. ऐसे छात्र सीधे दसवीं की परीक्षा में बैठेंगे, न कि स्कूलों के जरिए. साथ ही इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि 9वीं में फेल छात्रों को गणित जैसे कठिन सब्जेक्ट को छोड़ने का भी विकल्प मिलेगा, वहीं एमपीआई के जरिए दसवीं परीक्षा पास करने वाले छात्रों को उसी सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में दाखिले का मौका दिया जाएगा.