यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम से किए गए अपने वादे को निभाते हुए बीजेपी नेता और जाने-माने वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को जोधपुर की एक निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की और वह आसाराम की रिहाई के लिए दलील देंगे. स्वामी के सहायक आवेदन जमा करने के लिए अदालत में पेश हुए. न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने आवेदन को विचारार्थ स्वीकार कर लिया और मंगलवार को दलीलों पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
जोधपुर. यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम से किए गए अपने वादे को निभाते हुए बीजेपी नेता और जाने-माने वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को जोधपुर की एक निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की और वह आसाराम की रिहाई के लिए दलील देंगे. स्वामी के सहायक आवेदन जमा करने के लिए अदालत में पेश हुए. न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने आवेदन को विचारार्थ स्वीकार कर लिया और मंगलवार को दलीलों पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
आवेदन के साथ अदालत में पेश हुए एक सहायक वकील ने कहा, जमानत अर्जी पर दलील देने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी खुद 26 मई को आएंगे. स्वामी 23 अप्रैल को जोधपुर आए थे और जेल में आसाराम से मिले थे, जहां वह पिछले डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से बंद हैं. आसाराम से सहानुभूति जताते हुए स्वामी ने उनके मामले की तुलना लालू प्रसाद और जयललिता जैसे नेताओं से की थी और कहा था कि आसाराम को जमानत मिलनी चाहिए. राम जेठमलानी और सलमान खुर्शीद से लेकर देश के कई जाने-माने वकील आसाराम को जमानत दिलाने के लिए प्रयास कर चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली.
IANS