श्रीनगर. अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया है. इस जत्थे में 1,138 तीर्थयात्री हैं. यह यात्रा शनिवार से शुरू हो रही है. जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह, मंत्री प्रिया सेठी और लोकसभा सांसद जुगल किशोर ने जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
पहले जत्थे में 900 पुरुष, 225 महिलाएं, 13 बच्चे शामिल हैं. इन्हें सुरक्षबलों की सुरक्षा के बीच 13 बसों, 24 मिनी बसों और अन्य वाहनों में रवाना किया गया. इस साल अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सुरक्षा और खुफिया चुनौती है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर जम्मू पहुंचेंगे. वह यहां सुरक्षा व्यस्था की समीक्षा करेंगे. राजनाथ शनिवार को पवित्र अमरनाथ गुफा भी जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि गुफा में पारंपरिक पूजा में भी हिस्सा लेंगे. बता दें कि शनिवार से शुरू हो रही यह 48 दिवसीय यात्रा 18 अगस्त को समाप्त होगी, जिस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा और रक्षा बंधन है. अमरनाथ यात्रा पर पिछली बार आतंकवादियों ने छह अगस्त, 2002 को हमला किया था.
कश्मीरी आतंकवादियों के पोस्टर ब्वॉय बुरहाव वानी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियो में कहा कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा करनेवाले श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, क्योंकि यह पूरी तरह से धार्मिक कारणों से हैं. इसी वीडियो में बुरहान ने स्थानीय पुलिसवालों को ‘सलाह’ दी कि वे अपने-अपने थानों में पड़े रहें और आतंकवादरोधी अभियानों में शामिल न हों.
केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की अभेद्य सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की और कंपनियों को भेजने का फैसला किया है. अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने बताया, “अधिक मोबाइल बैंकर, अधिक त्वरित प्रतिक्रिया दल, अधिक स्टैटिक गार्ड और अधिक सड़क खोलने वाले दल (एसओपी) को तैनात किया जा रहा है ताकि पंपोर जैसी घटना ना हो सके.” पंपोर हमला स्थल का दौरा कर लौटे सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस आत्मघाती हमले के दौरान एसओपी का दल सुरक्षा बलों की टुकड़ी के साथ चल रहा था, जिसने जबावी कार्रवाई की थी.