विश्लेषकों की नज़र में मोदी सरकार की 25 उपलब्धियां और चुनौतियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एक साल पूरा करने के मौके पर विश्लेषकों ने मोदी सरकार की उपलब्धियां और चुनौतियां गिनाईं, जिनमें प्रमुख 25 उपलब्धियां और चुनौतियां इस तरह हैं

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विश्लेषकों की नज़र में मोदी सरकार की 25 उपलब्धियां और चुनौतियां

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  • May 25, 2015 2:17 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एक साल पूरा करने के मौके पर विश्लेषकों ने मोदी सरकार की उपलब्धियां और चुनौतियां गिनाईं, जिनमें प्रमुख 25 उपलब्धियां और चुनौतियां इस तरह हैं :
 
उपलब्धियां :
– जन धन योजना के तहत 15 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले, जीवन बीमा और पेंशन वाले 10 करोड़ से अधिक रुपे डेबिट  कार्ड जारी.
– कॉरपोरेट सेक्टर ने मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को अपनाया. 2019 तक संपूर्ण स्वच्छता का वादा.
– रसोई गैस में नकद सब्सिडी हस्तांतरण योजना लागू. सब्सिडी में सालाना पांच अरब डॉलर बचत की उम्मीद। डीजल मूल्य भी नियंत्रण मुक्त.
– रेल अवसंरचना में विदेशी निवेश को इजाजत. सीमा तय नहीं.
– रक्षा में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी. टेकनॉलॉजी ट्रांसफर मामले में सीमा 74 फीसदी.
– रक्षा खरीद में तेजी. 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीदारी हो रही है.
– बीमा और पेंशन में विदेशी निवेश की सीमा बढ़कर 49 फीसदी.
– कोष जुटाने के लिए बैंकों को आईपीओ/एफपीओ लाने की इजाजत. शर्त कि सरकारी हिस्सेदारी 52 फीसदी या उससे अधिक रहे.
– टैक्स लाभ के साथ रियल एस्टेट एवं अवसंरचना निवेश ट्रस्ट की इजाजत.
– 100 स्मार्ट शहर परियोजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी.
– रेलवे में पांच साल में 130 अरब डॉलर खर्च प्रस्तावित.
– अखिल भारतीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने की दिशा में ठोस पहल.
– कोयला ब्लॉक नीलामी के दो चक्र सफलता पूर्वक पूरे.
– नए विधेयक पारित होने के साथ खनन क्षेत्र में जारी गतिरोध दूर.
– दूरसंचार स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी पूरी.
– मेक इन इंडिया, डिजिटल भारत और कौशल भारत पहल शुरू. मुख्य ध्यान रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स पर. मुख्य ध्येय रोजगार सृजन.
– मुद्रा बैंक 20 हजार करोड़ रुपये कोष के साथ शुरू. यह छोटे उद्यमियों को 50 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन देगा.
– सरकारी कंपनियों का विनिवेश शुरू.
– फैसले में तेजी लाने के लिए कई मंत्री समूहों का विघटन.
– केंद्र और राज्य के बीच राजस्व बंटवारे पर 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू.
– इस्पात, कोयला और बिजली परियोजनाओं की मंजूरी के लिए एकल खिड़की (सिंगल विंडो) प्रणाली.
– कृषि उत्पादों में महंगाई नियंत्रित रखने के लिए कीमत स्थिरीकरण कोष स्थापित.
– कृषि उत्पादों का भंडारण बढ़ाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के साथ भंडारण अवसंरचना कोष गठित.
– विदेशी कोषों की आय से संबंधित कर पर स्पष्टता, जिनके कोष प्रबंधक भारत में रहते हों.
– न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) पर विधि आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति गठित.
 
चुनौतियां इस प्रकार हैं :

– भूमि अधिग्रहण का मुद्दा। राजनीतिक पार्टियों में सहमति की कमी से निवेश निरुत्साहित.
– वित्तीय घाटे को जल्द-से-जल्द तीन फीसदी पर सीमित करना.
– विभिन्न योजनाओं पर सरकारी खर्च बढ़ाने के लिए नवाचार(इन्‍नोवेशन) अपनाने की जरूरत.
– व्यापार की सुविधा : 35 केंद्रीय कानूनों को सिर्फ चार नए कानूनों में समाहित करना.
– गोल्ड मोनेटाइजेशन और गोल्ड बांड योजनाओं की घोषणा. मसौदा जारी.
– नकद सब्सिडी हस्तांतरण के दायरे में ऊर्वरक और भोजन को लाना.
– अगले साल एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर लागू करना.
– उत्पादकता बढ़ाने के लिए दूसरी हरित क्रांति लाना.
– कृषि उत्पादों के लिए एक राष्ट्रीय साझा बाजार बनाना, जिसमें कृषि उत्पादन विपणन समिति कृषि उत्पाद बेचने के विभिन्न विकल्पों में से एक होगी.
– विदेशों में जमा काले धन पर कानून बन जाने के बाद इसे लागू करना.
– व्यापक दीवालिया संहिता पर विवरण जारी करना.
– सरकारी बैंकों को नए पूंजी निवेश की जरूरत. विलय और पेशेवरों की नियुक्ति की आजादी. तनावग्रस्त संपत्ति के समाधान की कारगर प्रक्रिया अपनाना.
– सरकारी बैंकों के विलय के विवरण जारी करना.
– नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करना.
– सब्सिडी समाप्त करने के लिए व्यापक नीति पर कोई प्रारूप नहीं.
– कोल बेड मीथेन पर नई नीति जारी करनी बाकी.
– मौजूदा अल्ट्रा-मेगा बिजली परियोजनाओं की बदहाली, पांच घोषित नई अल्ट्रा-मेगा बिजली परियोजनाओं में अबतक कोई विकास नहीं.
– पुराने मामलों में न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के मुद्दे का अबतक समाधान नहीं.
– कम कर दर और कम से कम छूट वाले प्रत्यक्ष कर व्यवस्था का सरलीकरण अबतक एक चुनौती.
– राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा प्राधिकरण की स्थापना. यह पुणे में प्रस्तावित है, जो स्मार्ट शहर परियोजनाओं की निगरानी करेगा.
– सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों की अधिकतम निवेश सीमा पर विधेयक तैयार, लेकिन इसे आगे बढ़ाना बाकी.
– प्रतिकारी शुल्क से संबंधित सभी छूट समाप्त करना. इससे भारतीय विनिर्माण उद्योग और मेक इन इंडिया पहल को फायदा होगा.
– मौजूदा सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल की खामियों को दूर करने के लिए प्रस्तावित संस्थानों की स्थापना.
– दूसरे और तीसरे शहरों में बिना किसी अतिरिक्त सुविधा वाले 50 प्रस्तावित हवाईअड्डों की स्थापना.
– तेल मंत्रालय को यह स्पष्ट करने की जरूरत कि देश भर में 25 हजार किलोमीटर गैस ग्रिड बनाने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा.

IANS

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