पटना. बिहार बोर्ड में कला वर्ग की टॉपर रूबी राय को रविवार एसआइटी द्वारा पूछताछ के बाद निगरानी के विशेष जज राघवेंद्र कुमार सिंह के सामने पेश किया गया था, जहां रूबी को रिमांड होम की जगह बेऊर जेल भेज दिया गया. रूबी को जेल में महिला वार्ड में रखा जाएगा. यह जांच का विषय है कि यह गलती किसकी तरफ से हुई.
कोर्ट में एसआइटी ने रूबी को नाबालिग साबित करने की कोई कोशिश नहीं की. कोई भी ऐसे सबूत नहीं पेश किए गए जिससे यह साबित किया जा सके की वह नाबालिग है. रूबी के साथ पूछताछ के वक्त परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए कोर्ट को उसकी उम्र के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी. इस वजह से कोर्ट को उसे बेऊर जेल भेजना पड़ा.
बता दें कि बिहार बोर्ड की तरफ से जारी परीक्षा प्रवेश पत्र में रूबी की जन्म की तारीख 15 नवंबर 1998 लिखी है. इस हिसाब से वह अभी भी नाबालिग है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि यह कोर्ट का फैसला है. इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती.
टॉप कैसे कर गए पता नहीं, सिर्फ पास होना था- रूबी
रूबी ने एसआइटी के सामने पूछताछ में कहा कि उसने कैसे टॉप कर लिया उसे पता नहीं. उसने कहा, ‘मैं परीक्षा देने जाती थी, जो भी आता था लिखा, लेकिन टॉप के बारे में मुझे कुछ नहीं पता.’ रूबी ने बताया कि उसके पिता और चाचा ने क्या सेटिंग की पता नहीं. वह तो सिर्फ सेकेंड डिविजन में पास होना चाहती थी.
बता दें कि शनिवार को रूबी राय इंटरव्यू देने बोर्ड के ऑफिस पहुंची. पहले उसे सभी टॉपरों के साथ 3 जून को बुलाया गया था. लेकिन वह स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बनाकर नहीं पहुंची थी. उसे एक और मौका देते हुए 11 जून को बुलाया गया. इस बार भी उसने इंकार कर दिया था. बोर्ड अध्यक्ष ने दोबारा उसे मौका देते हुए 25 जून को बुलाया था.
इस केस में वीआर कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय और बिहार बोर्ड के पूर्व डायरेक्टर लालकेश्वर प्रसाद सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है