नई दिल्ली. 2010 में पुणे में हुए जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में महाराष्ट्र सरकार हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. इस मामले में एकमात्र दोषी मिर्ज़ा हिमायत बेग को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आतंकवादी गतिविधियों से बरी कर दिया था.
बता दें कि मिर्ज़ा हिमायत बैग को आतंकवादी गतिविधियों के तहत दोषी मानते हुए विशेष अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने हिमायत बेग को आतंकवादी गतिविधियों से बरी कर दिया था. हालांकि उसे ग़ैर क़ानूनी गतिविधियों और विस्फोटक रखने के लिए एक्सप्लोसिव सब्सटांस एक्ट के तहत दोषी मानते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी.
सूत्रों के मुताबिक याचिका दाखिल करने के लिए ड्राफ्ट बनाया जा रहा है और 29 जून के बाद याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कि जाएगी. सरकार का कहना है की हिमायत बेग के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद हाईकोर्ट ने उसको बरी कर दिया था. हिमायत बेग इस समय आर्थर रोड सेन्ट्रल जेल में बंद है.
जर्मन बेकरी ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 50 लोग घायल हो गए थे. अप्रैल 2013 में जब विशेष अदालत ने उसको मौत की सज़ा सुनाई थी उस समय वो अदालत में रो पड़ा था और कहा था कि वो निर्दोष है. इतना ही नहीं उसने ये भी कहा था की ब्लास्ट का 18 वां पीड़ित है. हालांकि इस मामले की जाँच कर रही महाराष्ट्र ATS ने उसे मास्टर माइंड बताया था.