नई दिल्ली. अलकायदा के भारतीय-महाद्वीप के प्रमुख ने कहा है कि फिदायीन हमले कर निर्दोष महिलाओं व बच्चों की हत्या करना जेहाद व इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है. अलकायदा प्रमुख असीम उमर ने हालांकि अमेरिका पर 9/11 हमले की प्रशंसा की, जिसमें 3,000 लोग मारे गए थे. मृतकों में सैकड़ों महिलाएं व आठ बच्चे शामिल थे. आतंकवादी हमलों के इतिहास में यह अब तक के सबसे बड़े हमलों में से एक था. भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान में मुजाहिदीनों को उर्दू में अपना संदेश देने वाला उमर उत्तर प्रदेश का निवासी है, लेकिन फिलहाल पाकिस्तान में रह रहा है.
जेहादोलॉजी डॉन नेट के मुताबिक, उमर ने ऑनलाइन जारी एक संदेश में कहा, “पैगंबर मोहम्मद ने युद्ध में शामिल न होनेवाली महिलाओं व बच्चों की हत्या को नाजायज ठहराया है.” यह वेबसाइट रिचर्ड बोरो के साथी एरॉन वाई.जेलिन की जेहादी सामग्रियों को संग्रह करने का एक स्थान है. एरॉन वाशिंगटन इंस्टीट्यूट से जुड़े हैं और जेहादी समूह और सलाफी राजनीति पर शोध करते हैं.
अलकायदा जेहादियों के बीच नेतृत्व की अपनी भूमिका पाने के लिए इस्लामिक स्टेट (आईएस) के साथ संघर्ष कर रहा है. आईएस ने महिलाओं व बच्चों को मारने में किसी भी तरह की दया नहीं दिखाई है और यह इसे खुलेआम अंजाम देता रहा है. यह संदेश तालिबान को भी एक संदेश देने का जरिया हो सकता है, जो पाकिस्तान में महिलाओं व बच्चों को प्राय: निशाना बनाता रहा है.
कौन है उमर?
उमर भारत के देवबंद इस्लामिक सेमिनरी से स्नातक उत्तीर्ण है और उसने अपना नाम बदलकर सनाउल्लाह हक रख लिया है. वह उत्तर प्रदेश के संभल का निवासी है. माना जाता है कि साल 1995 में राज्य से लापता होने के बाद वह इस्लामिक आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ. उसने कराची के जामिया उलूम से इस्लामिक अध्ययन की शिक्षा ली है.