पेरिस. दुनिया भर के कर्मचारियों का हाल-चाल बताने वाले एडनरेड-इप्सॉस बैरोमीटर 2016 का नतीजा आ गया है और इसका कहना है कि धरती पर सबसे ज्यादा खुशहाल, जी हां, अपनी नौकरी से सबसे ज्यादा खुश लोग भारत में पाए जाते हैं.
आपको शायद सर्वे का ये नतीजा पढ़कर लग रहा होगा कि घाव पर किसी ने नमक रगड़ दिया है लेकिन जो है, यही है. पता नहीं इडनरेड और इप्सॉस वालों ने भारत में कर्मचारी के नाम पर किन लोगों से सर्वे की बात-चीत कर ली.
सर्वे कहता है कि भारत के 88 परसेंट कर्मचारी, मतलब हरेक 100 आदमी-औरत में 88 लोग, अपनी नौकरी से खुश हैं. भारत के बाद मेक्सिको का नंबर आया है जहां 81 परसेंट, फिर अमेरिका, चिली और ब्राज़ील के 77 परसेंट, फिर जर्मनी के 74 परसेंट, फिर ब्रिटेन और चीन के 71 परसेंट कर्मचारी हैं जो खुश हैं.
सर्वे करने वालों का कहना है कि इसी साल के जनवरी महीने में उन्होंने 15 देशों के 14000 कर्मचारियों के बीच अलग-अलग तरह के सवालों के साथ ये सर्वे किया जिसमें भारत के भी कर्मचारी शामिल थे.
सर्वे में ये समझा गया कि कर्मचारी को पता है कि नहीं कि उनसे कंपनी की क्या अपेक्षा है, साथ काम करने वाले भरोसे के लायक हैं या नहीं, नौकरी के साथ तमाम तरह की सुविधाएं हैं या नहीं और ये भी कि नौकरी में मन लग रहा है या नहीं. सवाल और भी थे लेकिन जवाब ने भारतीय कर्मचारियों को निश्चित तौर पर दुखी कर दिया है.
सर्वे कहता है कि दुनिया भर की कंपनियां अपने कर्मचारियों के हाल-चाल को लेकर चिंतित हैं और चाहती हैं कि वो उन्हें खुश रखने के लिए जो कर सकती हैं, करें ताकि वो उनका दफ्तर छोड़कर पड़ोसी या प्रतिद्वंदी के दफ्तर में न चले जाएं.
आपको लग रहा है कि हम मज़ाक कर रहे हैं तो ये पूरे 24 पन्ने का रिपोर्ट पढ़ लीजिए जो सर्वे करने वालों ने निकाला है. पढ़ने के बाद गुस्सा आए तो नीचे में दोनों कंपनी के एक-एक अधिकारी का ई-मेल पता भी है. आप शौक से अपने मेल से उनके मेल में शुभकामनाएं भेज सकते हैं कि उनके मुंह में घी शक्कर.