नई दिल्ली. दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाक़े में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध अपराधी मनोज वशिष्ठ का परिवार उसका अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हो रहा है. उनका कहना है कि जब तक मुठभेड़ की सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए जाते तब तक वह मनोज के शव का दाह संस्कार नहीं करेंगे, हालांकि मुठभेड़ की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई है.
इस बीच मुठभेड़ का सीसीटीवी फ़ुटेज सामने आया है, जिसमें यह साफ है कि पुलिस ने पहले मनोज को पकड़ने की कोशिश की ना कि मारने की. मनोज के परिवार का आरोप है कि वह अपराधी नहीं था और पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में उसे मार दिया. सीसीटीवी फुटेज में मनोज दो महिलाओं समेत चार लोगों के साथ राजेंद्र नगर के सागर रत्ना रेस्टोरेंट में बैठा है. जहां रात 8:15 मिनट पर स्पेशल सेल का एक इंस्पेक्टर और एक सब-इंस्पेक्टर दाखिल होता है. सबसे पहले इंस्पेक्टर मनोज को पकड़ने की कोशिश करता है और फिर सब- इंस्पेक्टर भी मनोज से उलझ पड़ता है. रेस्टोरेंट में अचानक भगदड़ मच जाती है. हाथापाई के बीच पहले सब-इंस्पेक्टर नीचे गिरता है, फिर मनोज गिरता है.
बेशक सीसीटीवी में फायरिंग की तस्वीरें नहीं हैं, पर इतना साफ है कि पुलिस ने पहले मनोज को पकड़ने की कोशिश की न कि गोली चलाई. तस्वीरों से लगता है कि मनोज के दाएं हाथ में कोई हथियार था, जिसे पुलिस अपने कब्जे में लेना चाहती थी, लेकिन ये सब चंद सेकेंड में हुआ और मनोज मारा गया.
IANS से भी इनपुट
पर्थ में होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए सर्वश्रेष्ठ अंपायरों की टीम तैयार की…
भारत में भी अगर आप इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करना चाहते हैं तो लगभग…
कई हजार रुपए खर्च करने के बाद भी अगर एयर प्यूरीफायर प्रदूषण से राहत नहीं…
मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश भर में साढ़े तीन लाख युवाओं…
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां…
प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना की संसद में कहा कि हमने दिखा दिया है कि लोकतंत्र…