आंध्र प्रदेश. बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी-मध्य भाग में बने गहरे दबाव के क्षेत्र ने तेज होकर चक्रवाती तूफान रोनू का रूप ले लिया है. जिसका सबसे ज्यादा असर आंध्र प्रदेश और ओडिशा में देखने को मिल रहा है.
रोनू के कारण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में जमकर हुई तेज हवा और भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है.
बता दें कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, प्रकाशम और गुंटूर जिलों में बुधवार को भारी बारिश हुई थी, जबकि कृष्णा, पूर्व गोदावरी और विशाखापत्तनम में गुरुवार को मूसलाधार बारिश हुई.
CM ने की अफसरों के साथ बैठक
मामले पर मुख्यमंत्री नायडू ने राज्य के आला अफसरों के साथ बैठक की. उन्होंने अफसरों से राहत शिविर खोलने और संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को कहा है. साथ ही राज्य में किसी भी संभावित स्थिति के लिए खाने और अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त भंडार तैयार रखने को कहा गया है.
विशेष अधिकारी तैनात करने के आदेश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहत कार्यों के लिए प्रत्येक मंडल में विशेष अधिकारियों को तैनात करने का निर्देश जारी किया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और दमकल विभाग के कर्मियों को राहत एवं बचाव अभियान पर लगाने का निर्देश भी दिया गया है.
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने ओडिशा के कुछ भागों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने मछुआरों को भी सलाह दी है कि वे ओडिशा तट से समुद्र में प्रवेश नहीं करें.
‘प्रचंड चक्रवाती तूफान में बदल सकता है’
इसके अलावा मौसम वैज्ञानिकों ने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम-मध्य तथा इससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बना हुआ गहरा दबाव और तेज होकर चक्रवाती तूफान रोनू में तब्दील होने से पहले उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है. यह तूफान दक्षिण-पूर्व गोपालपुर से लगभग 590 किलोमीटर पर केंद्रित है. इस दबाव के अगले 24 घंटों में आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की ओर जाने की संभावना है, जो और तेज होकर प्रचंड चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.