बच्चे के पेट में मिला टूथब्रश, छह महीने तक चुप रहा

छत्तीसगढ़ के धमतारी में एक पांच साल के बच्चे ने खेलते-खेलते टूथब्रश निगल लिया. वह छह महीने तक चुप ही रहा लेकिन फिर उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा. इतना ही नहीं, उसे खाना खाने और टॉयलेट में भी बहुत परेशानी होने लगी. यह दर्दनाक वाकया हुआ पांच साल के केशव साहू के साथ हुआ था.

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बच्चे के पेट में मिला टूथब्रश, छह महीने तक चुप रहा

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  • May 1, 2016 5:01 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
रायपुर. छत्तीसगढ़ के धमतारी में एक पांच साल के बच्चे ने खेलते-खेलते टूथब्रश निगल लिया. वह छह महीने तक चुप ही रहा लेकिन फिर उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा. इतना ही नहीं, उसे खाना खाने और टॉयलेट में भी बहुत परेशानी होने लगी. यह दर्दनाक वाकया हुआ पांच साल के केशव साहू के साथ हुआ था.
 
जब दर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया तो उसके माता-पिता ने रायपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से सलाह ली. डॉक्टरों ने जांच में पता चला कि बच्चे के यूरीनरी ब्लैडर में पांच सेंटिमीटर का स्टोन और कुछ अजीब सी चीज है. केशव का इलाज करने वाले डॉ. जे पटेल ने बताया, एक्स रे और अल्ट्रा साउंड में साफ नहीं हो पाया कि वह अजीब सी चीज है.
 
केशव का इलाज करने वाले डॉ.जे पटेल ने बताया एक्स रे और अल्ट्रा साउंड में साफ नहीं हो पाया कि वह अजीब चीज क्या है. जब हमने बच्चे के ब्लैडर से स्टोन निकाला तब इसके साथ 15 सेंटीमीटर का टूथब्रश निकला जो स्टोन के साथ खून में लिपटा हुआ था.
 
बच्चे के पिता हेमंत साहू यह जानकर हैरान रह गए कि उनके बच्चे के पेट में एक साल से टूथब्रश था और उसने इस बारे में किसी से नहीं बताया. डॉ.पटेल ने कहा यह एक अजीब केस था. आम तौर हमारे पास ऐसे केस आते हैं जिसमें बच्चों ने सिक्के निगल लिए होते हैं. टूथब्रश ने बच्चे की आंत में तीन छेद कर दिए और उसके बाद वह ब्लैडर में पहुंच गया.
 
ऐसे मामलों में समय से ट्रीटमेंट न होने पर लोग अक्सर मर जाते हैं. इस छोटे से बच्चे का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है. ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले बाल रोग विशषज्ञ डॉ. आमीन मेमन ने बताया, बच्चे ने एक साल पहले टूथब्रश निगल लिया होगा लेकिन दर्द छह महीने पहले शुरु हुआ होगा. पांच सेंटीमीटर के एक स्टोन को बनने में कम से कम छह महीने लगते हैं. बच्चे के ब्लैडर में स्टोन बनने के बाद ही उसे दर्द होना शुरु हुआ होगा.
 
डॉक्टरों ने बुधवार को बच्चे का ऑपरेशन किया. उन्होंने बच्चे की आंत और ब्लैडर को रिपेयर किया. बच्चा अभी एक हफ्ते तक हॉस्पिटल में ही रहेगा. जब तक उसकी आंत और ब्लैडर सामान्य रुप से काम नहीं करने लगते, उसे डॉक्टरों से मिलते रहना होगा.

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