पटना. बिहार में लगभग 21 माह पहले शराब बंद की जा चुकी है. हाल ही में बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो शराब को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सख्ती देखते बनती है. आंकड़ों की माने तो 2016 के अप्रैल में बिहार में शराबबंदी लागू की जाने के बाद से 6 मार्च 2018 तक कुल 121586 लोग गिरफ्तार हुए हैं जिनमें से 121542 लोग जेल भी जा चुके हैं. कुल आरोपियों में से 39214 व्यक्ति उत्पाद विभाग द्वारा हिरासत में लिए गए हैं. यह आंकड़ा खुद राज्य सरकार द्वारा बिहार विधान परिषद में दिया गया है. ऐसे में देखा जाए तो गिरफ्तार व्यक्तियों के आंकड़ों का हिसाब करें तो प्रतिदिन का औसत एक सौ बहत्तर (172) लोगों की गिरफ्तारी का होता है. मामले में हजारों लोग रिहा हुए हैं लेकिन हजारों लोग अब भी जेल में हैं
राज्य में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के अनुसार गिरफ्तार किए गए ज्यादातर आरोपी दलित समुदाय के हैं और बेहद ही गरीब हैं. इसी को लेकर राजद ने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वे सभी लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमे वापस ले लेंगे और उन्हें रिहा कर देंगे. राजद ने उपचुनाव के प्रचार में ने दलितों और ग़रीबों को अपनी पार्टी से जोड़ने के लिए इस मुद्दे को उठाया था. वहीं सीएम नीतीश मामले को लेकर अपनी सख्ती जगजाहिर कर चुके हैं और निर्णय से पीछे न हटने की घोषणा भी कर चुके हैं. बता दें कि बिहार के उपचुनाव के दौरान भी ये मुद्दा छाया रहा.
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