नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नमामि गंगे कार्यक्रम को बुधवार को मंजूरी दे दी. यह कार्यक्रम गंगा नदी की व्यापक सफाई और उसे संरक्षित करने के प्रयासों को एकजुट करने की एक कोशिश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गई.
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “कार्यक्रम के लिए अगले पांच वर्षो हेतु 20,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है. यह पिछले 30 वर्षो में खर्च को लेकर चार गुना वृद्धि है.” क्रियान्वयन में एक बड़े बदलाव के रूप में सरकार सतत परिणाम हासिल करने के लिए गंगा नदी के किनारे के निवासियों को इसमें शामिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
पूर्व के प्रयासों से सबक लेते हुए इस कार्यक्रम में राज्यों और जमीनी स्तर के संस्थानों को भी शामिल करने पर ध्यान दिया गया है. इन संस्थानों में शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थान शामिल हो सकते हैं. बयान में कहा गया है कि प्रगति को गति देने के क्रम में केंद्र सरकार अब विभिन्न गतिविधियों की 100 फीसदी फंडिंग इस कार्यक्रम के तहत लाएगी.
पूर्व के गंगा एक्शन प्लान के असंतोषजनक परिणामों से सबक लेते हुए केंद्र सरकार अब संपत्तियों के 10 वर्षो तक संचालन और रखरखाव की सुविधा मुहैया कराने की योजना बना रही है, साथ ही प्रदूषण वाले प्रमुख स्थलों के लिए एक पीपीपी/एसपीवी दृष्टिकोण अपनाने की योजना बना रही है.
IANS
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