#OddEven की उल्टी गिनती शुरू, 15 अप्रैल से लागू होगा फॉर्मूला

केजरीवाल सरकार राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से ऑड ईवन फॉर्मूला पार्ट-2 लागू करने जा रही है. यह फॉर्मूला 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू होगा. ऑड-ईवन फॉर्मूले की तैयारियों को लेकर कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक दिल्ली सचिवालय में हुई. जहां कई और अहम मुद्दों पर भी फैसला लिया गया. 15 दिन तक इस व्यवस्था के दौरान नंबर के हिसाब से ही गाड़ी चलाने की अनुमति होगी.

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#OddEven की उल्टी गिनती शुरू, 15 अप्रैल से लागू होगा फॉर्मूला

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  • March 22, 2016 7:53 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. केजरीवाल सरकार राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से ऑड ईवन फॉर्मूला पार्ट-2 लागू करने जा रही है. यह फॉर्मूला 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू होगा. ऑड-ईवन फॉर्मूले की तैयारियों को लेकर कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक दिल्ली सचिवालय में हुई. जहां कई और अहम मुद्दों पर भी फैसला लिया गया. 15 दिन तक इस व्यवस्था के दौरान नंबर के हिसाब से ही गाड़ी चलाने की अनुमति होगी.
 
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इसका आखिरी प्लान 8 अप्रैल तक तैयार हो जाएगा. इसमें सरकार यह स्पष्ट कर देगी कि किन लोगों को इस दायरे में रखा जा रहा है और कौन इसके दायरे से बाहर रहेंगे.
 
सड़को पर उतारी जाएंगी अतिरिक्त बसें
गोपाल राय ने बताया कि 15 अप्रैल से लागू होने वाली इस व्यवस्था के दौरान कार छोड़ने वाले लोगों को किसी तरह की कोई परेशानियां न हो इसके लिए सड़कों पर अतिरिक्त बसें उतारी जाएंगी. इसके अलावा दिल्ली सरकार की ओर से इसे लेकर बसों के लिए स्पेशल परमिट जारी किए जाएंगे. जो कि 15 दिन के ही होंगे.
 
1 हजार अधिक वालिंटियर होंगे तैनात
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि ऑड ईवन व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार इस बार एक हजार अधिक वालिंटियर तैनात करेंगे. जबकि  इससे पहले हुए चरण में 4 हजार वांटियर लगाए गए थे. और इस बार 5 हजार वांटियर लगाने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा इस बार एसडीएम की जगह ट्रैफिक व्यवस्था में 400 पूर्व सैनिकों की तैनाती की जाएगी.
 
NCR को भी किया जाएगा मॉनीटर
गोपाल राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार दिल्ली के अलावा एनसीआर को भी मॉनीटर किया जाएगा. पिछली बार 20 पॉइंट पर मॉनिटर हुआ. दिल्ली में इस बार रोटेशन कर मॉनीटर किया जाएगा. मोबाइल गाडिय़ां होंगी जो सड़क किनारे मॉनीटर करेंगी.

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