इन दिनों बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. कुछ सालों से हर विभाग जिस दिन उस विभाग का बजट पारित होना होता है विधान मंडल के दोनों सदनों के सदस्यों के लिए कुछ न कुछ उपहार लेकर आता है.
पटना. इन दिनों बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. कुछ सालों से हर विभाग जिस दिन उस विभाग का बजट पारित होना होता है विधान मंडल के दोनों सदनों के सदस्यों के लिए कुछ न कुछ उपहार लेकर आता है.
शुक्रवार को एक नहीं तीन विभाग के बजट पर चर्चा होनी थी इसलिए एक साथ तीन विभाग की तरफ से उपहार विधानसभा में देने के लिए लाए गए. जिसमें शिक्षा विभाग की तरफ से माइक्रोवेव ओवेन था तो कुछ और विभाग की तरफ से ब्रीफ़केस और ट्रेवल बैग दिया जा रहा था.
इसके बाद राज्य में एक तरफ शिक्षकों को वेतन न दिए जाने और दूसरी तरफ ओवेन बांटे जाने पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी घिर गए और उन्होंने सफाई दी कि आने वाले दिनों में विधान सभा के सदस्य मध्याह्न भोजन का सैंपल लेकर ओवेन में गरम करके खाएंगे.
वहीं पथ निर्माण और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जिनके विभाग की तरफ से सैमसंग मोबाइल दिया गया उनका कहना है कि ये बेवजह का विवाद है क्योंकि ये परंपरा चली आ रही है और बहुत सारे विधायक गरीब हैं जिन्हें जीवन में हर दिन इस्तेमाल की वस्तु दी जा रही हैं. उन्होंने तो यहां तक कहा दिया कि केवल 30 लाख का खर्चा आया है.
हाल के वर्षों तक अधिकांश विभाग विधायकों को बैग, ब्रीफ़केस या घड़ी देते थे लेकिन पिछले दो वर्षों के दौरान मोबाइल फ़ोन और माइक्रोवेव ओवेन जैसे सामान भी दिए जाने लगे हैं.