सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले को लेकर पंजाब सरकार कोई फैसला मानने नहीं जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है. कोर्ट ने गुरुवार को यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था.
चंडीगढ़. सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले को लेकर पंजाब सरकार कोई फैसला मानने नहीं जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है. कोर्ट ने गुरुवार को यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था.
वहीं पंजाब सरकार ने सतलुज यमुना लिंक नहर को लेकर हरियाणा से मिली सारी रकम को वापस करने का फैसला किया है. पंजाब सरकार ने इसके लिए 191 करोड़ 75 लाख रुपये का चेक हरियाणा सरकार को भेज दिया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखे एक खत में उन्हें अपनी कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी. इसी के साथ पंजाब कैबिनेट अकाली दल बीजेपी सरकार का यह वादा भी दोहराया कि वह नदियों के पानी पर अपने हक का एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं देंगे.
खत के मुताबिक, पानी पंजाब की जीवनरेखा है और इसे किसी के साथ साझा करने का सवाल भी पैदा नहीं होता. पंजाब की नदियों को लेकर अन्याय किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा. इसी सोमवार को पंजाब सरकार ने राज्य विधानसभा में एक बिल पास कर उन सभी लोगों को चार हज़ार एकड़ ज़मीन वापस करने का फ़ैसला किया था, जिनकी ज़मीन सतलुज यमुना नहर को बनाने के लिए ली गई थी.
उस समय हरियाणा सरकार ने इस ज़मीन के मालिकों को मुआवज़ा दिया था. पंजाब और हरियाणा के बीच नदी के पानी बंटवारे का विवाद सालों पुराना है.