मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. बुरहानपुर के एसडीएम डोंगी पर अवैध तरीके से रेत ढोने वालों को पकड़ने के लिए नाव से सीधे ताप्तीनदी में कूद गए. दोबारा नाव पर सवार हुए और नाव वाले का बांस अपने कब्जे में लिया.
भोपाल. मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. बुरहानपुर के एसडीएम डोंगी पर अवैध तरीके से रेत ढोने वालों को पकड़ने के लिए नाव से सीधे ताप्तीनदी में कूद गए. दोबारा नाव पर सवार हुए और नाव वाले का बांस अपने कब्जे में लिया.
एकदम अचानक और जिस दिलेरी के साथ एसडीएम साहब ने रेड डाली उससे रेत माफिया हक्का-बक्का रह गया. लेकिन इनका हौसला देखिए. एसडीएम और उनकी टीम पर पत्थर बरसाने लगे.
देखते ही देखते करीब 200 लोगों ने एसडीएम और उनकी टीम को घेर लिया. इस बीच एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें रेत माफिया एसडीएम को डुबोकर मारने की कोशिश कर रहा है.
रेत माफिया के हमले में एसडीएम बाल-बाल बच गए लेकिन इस रेड को कवर करने गए दो मीडियाकर्मी, एसडीएम का ड्राइवर और सरकारी जेसीबी का ड्राइवर घायल हो गए. रेत माफिया ने एसडीएम की गाड़ी के शीशे भी चकनाचूर कर दिए.
दरअसल, बुधवार की शाम 4 बजे एसडीएम केआर बड़ोल अपनी टीम के साथ यहां पहुंचे तो उन्हें किनारे खड़ी डोंगीं में रेत भरी मिली. एसडीएम ने जेसीबी से ये रेत खाली करने को कहा तो रेत माफिया डोंगी ले जाने लगा.
एसडीएम के कहने के बाद भी खनिज अधिकारी और पुलिस जवानों ने उसे नहीं रोका. ये देख एसडीएम खुद नदी में कूद पड़े. बीच नदी में रेत माफिया ने एसडीएम को डुबोने की भी कोशिश की. लेकिन किनारे पर मौजूद गोताखोरों ने उन्हें बचा लिया.
केआर बड़ोल और उनकी टीम पर हुए हमले की गूंज मध्य प्रदेश विधानसभा में भी सुनाई पड़ी. मध्य प्रदेश में रेत माफिया का जबरदस्त खौफ है. माफिया ने अब तक कई अफसरों और सरकारी कर्मचारियों को मौत के घाट उतारा है. लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते इनके खिलाफ कभी ठोस कार्रवाई नहीं होती है.
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