पटना. बिहार में 1 अप्रैल से देसी शराब की खरीद और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध होगा. यह फैसला राज्य सरकार ने लिया है. इस बीच नीतीश सरकार ने इस सम्बन्ध में एक और निर्णय लेते हुए खुलेआम शराब पीने पर 10 साल की जेल और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान भी कर दिया है.
ये निर्णय वुधवार को राज्य कैबिनेट में नई शराब नीति के तहत लिया गया है. विधानसभा के चालू सत्र में नए कानून के लिए विधान मंडल में इस सम्बन्ध में विधेयक पेश होगा. नई शराब नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण शराबबंदी 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी. इस नए विधयेक में इस बात का भी प्रावधान है कि अगर किसी पुलिस वाले ने किसी व्यक्ति को इस नियम के तहत फंसाया तो उसके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी.
महागठबंधन की पिछले साल नवंबर महीने में सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहला फैसला शराबबंदी का लिया था. हालांकि चुनाव पूर्व अपने वादे के अनुसार नीतीश कुमार ने एक साथ देसी और विदेशी शराब पर प्रतिबन्ध न लगाकर पहले देशी शराब पर प्रतिबन्ध लगाने की निर्णय लिया जिसके लिए विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना की. उनका आरोप है कि नीतीश अपने वादे को लागू करने में गंभीर नहीं हैं.
नई शराब नीति लागू हो जाने के बाद राज्य में विदेशी शराब की बिक्री निजी हाथों से सरकार के कर्मचारियों के जिम्मे आ जाएगी. हालांकि पड़ोसी राज्यों जैसे झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और बंगाल में देशी शराब पर प्रतिबन्ध न होने के कारण बिहार में यह कदम कितना प्रभावी हो पाएगा उस पर एक लम्बी बहस इन दिनों चल रही है. लेकिन नीतीश कुमार का दावा है कि राज्य पुलिस और महिलाएं इस प्रतिबन्ध को प्रभावी रूप से लागू करने में असरदार साबित होंगी.
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