नई दिल्ली: कोरोना काल में घरेलू हिंसा और पति-पत्नी के बीच मनमुटाव के कारण तलाक के मामलों में अचानक इजाफा हुआ है। कोरोना काल में पति-पत्नी के बीच होने वाले छोटे-छोटे झगड़ों ने अब तलाक का रूप ले लिया है। पिछले छह महीनों में दिल्ली के अलग-अलग मैडिटेशन सेंटर्स में करीब 1500 तलाक के मामले सामने आ चुके हैं। मैडिटेशन सेंटर्स तक पहुंचे इन मामलों में सामान्य बात यह है कि इन सभी ने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान एक साथ रहते हुए उत्पीड़न का जिक्र किया। इन मामलों में न सिर्फ बीवी शिकार बनी है, बल्कि कई मामलों में पति ने भी बीवी पर मानसिक प्रताड़ना का भी इल्ज़ाम लगाया है।
हम आपको बताते हैं कि दिल्ली के सरकारी मैडिटेशन सेंटर्स और सुलह केंद्रों में दोनों पक्षों को समझाकर विवाद को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। पति-पत्नी के बीच के झगड़े को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार को भी मनोचिकित्सक की मदद की जरूरत है। दिल्ली सरकार दंपति को यह समझने की कोशिश करती है कि तलाक का बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
आपको बता दें कि जहां कोरोना महामारी के चलते लोग अपनों से दूर होते जा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ वैवाहिक झगड़ों और घरेलू हिंसा के मामले भी तेजी से बढ़ रहे थे। कोरोना काल के बाद कोर्ट खुलने के बाद सुनवाई शुरू हुई। इनमें से ज्यादातर मामलों में बीवी ने गुजारा भत्ता के लिए आवेदन किया। रोहिणी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की वकील रेखा गुप्ता कहती हैं, ‘कोविड के बाद तलाक के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है। चार-पांच साल पहले की स्थिति देखें तो यह संख्या आधे से भी कम थी। तलाक के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण पति-पत्नी के बीच बढ़ते तनाव के साथ-साथ यौन संबंध बनाना, आर्थिक तंगी, मोबाइल फोन, टेलीविजन है।”
हाई कोर्ट के वकील और मनोविज्ञान के जानकार राहुल कुमार कहते हैं, ‘देखिए लॉकडाउन के दौरान पति-पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट के मामले बढ़ गए हैं। इसके साइड इफेक्ट अब दिखने लगे हैं। वैसे तो घर टूटने का मुख्य कारण पैसों तंगी है। लेकिन, हाल के दिनों में ऐसे ज्यादातर मामले सामने आए हैं, जिनमें पति-पत्नी के बीच सेक्स, मकसद, ट्यूबरक्लोसिस, परिवार और दोस्तों को लेकर मनमुटाव था और तलाक तक की नौबत आ गई।
ऐसे भी कई मामले हैं, जहां कोरोना काल में महिलाओं की यौन इच्छा या पति की मर्दानगी सवालों के घेरे में ज्यादा है। घर में बंद होने की वजह से दोनों की ख्वाहिश पूरी नहीं हुई इसलिए झगड़ा बढ़ा और रिश्ता खत्म हो गया। बंदिशों ने रिश्तों की मर्यादा तोड़ दी है। इस वजह से नए रिश्ते बनाने की चाहत भी बढ़ गई है। यही कारण है कि कि लीव इन रिलेशन का चलन भी तेजी से बढ़ने लगा है। कहीं न कहीं ये सब कारण रिश्ते को स्थिरता नहीं देते। इससे तलाक के मामले तेजी से बढ़ने लगे है।
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