लखनऊ. यूपी में बीजेपी अध्यक्ष की घोषणा जल्द हो सकती है. 19-20 मार्च को बीजेपी की दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है. इसके पहले अमित शाह को अपनी नई टीम चुननी है. यूपी में कदावर नेता मनोज सिन्हा और धर्मपाल सिंह का दावा सबसे मजबूत दिख रहा है.
माना जा रहा है कि दिल्ली के चेहरे फाइनल करने के साथ ही यूपी के मुखिया का ऐलान कर दिया जाएगा. लोकसभा में 71 सीटें देने वाले यूपी की केंद्रीय टीम में बड़ी भागीदारी है. शाह की कोर टीम में ही 10 से ज्यादा नाम हैं जबकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य को जोड़ लें तो यह संख्या काफी बड़ी हो जाती है.
आगरा विवाद के बाद रमाशंकर कठेरिया पर खतरा और टल गया है। उनकी भूमिका में बदलाव से बैकफुट का संदेश पार्टी नहीं देना चाहती है. स्वतंत्रदेव सिंह और लक्ष्मीकांत बाजपेयी को भी यूपी से पत्ता कटने पर राष्ट्रीय टीम में जगह दी जा सकती है. वरुण गांधी की भी सक्रिय वापसी हो सकती है.
यूपी के जातीय गणित को ध्यान में रखते हुए बीजेपी पूरी तरह से ओबीसी और एससी के करीब दिखना चाहती है. सवर्ण एजेंडे में प्रमुखता से नहीं उभरेगा. खासकर बिहार में इसको लेकर जिस तरह से गफलत रही है पार्टी उसे यूपी में नहीं दोहराना चाहती.
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