नई दिल्ली. केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने साफ किया कि दिल्ली में यमुना नदी के तट पर ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल की अनुमति देने में उनके मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है. मंत्री ने कहा, “मैं यह साफ करना चाहूंगी कि इस समारोह के लिए अनुमति देने या उसे रद्द करने में मेरे मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है.”
मंत्री ने कहा कि एक समाज सेवी और राजनेता के रूप में वे इस समारोह का समर्थन करती हैं. उन्होंने कहा कि श्री रवि शंकर उनके मंत्रालय के नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रेरक तत्व रहे हैं और उससे घनिष्ठ रूप से जुड़े हैं.
समारोह की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए भारती ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन से सभी का ध्यान यमुना को स्वच्छ रखने की ओर आकृष्ट होगा और लोग इस नदी की पर्यावरण संबंधी आवश्यकताओं के प्रति और अधिक संवेदनशील होंगे.
मंत्री ने यह उम्मीद जताई कि कार्यक्रम के आयोजक पर्यावरण संबंधी विभिन्न शर्तो को समझने में और उसे पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि “यमुना की स्थिति इस समय इतनी खराब है कि मुझे उम्मीद है कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन से उसमें कुछ सुधार आयेगा. मुझे यकीन है कि श्री श्री के इस कार्यक्रम से यमुना को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.”
नमामि गंगे कार्यक्रम के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं उन्हें निर्देश दिया है कि आगे जब भी गंगा का सामाजिक कार्यक्रम शुरू हो तो उसमें श्री श्री रवि शंकर और बाबा रामदेव जैसे संतों का सक्रिय सहयोग लिया जाए.