लखनऊ. हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष जनहित याचिका दायर कर मुजफ्फरनगर दंगे की जांच करने वाले जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की वैधता को चुनौती दी गई है. याचिका में दंगे की सीबीआई जांच की मांग भी की गई है.
याचिका में कहा गया है कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष अथवा सदस्य भविष्य में केंद्र अथवा राज्य सरकार के अधीन किसी नियोजन का पात्र नहीं हो सकता है जबकि जस्टिस विष्णु सहाय उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के सदस्य रह चुके हैं. याचिका पर 10 मार्च को सुनवाई संभव है.
मुजफ्फरनगर दंगे के लिए तत्कालीन एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को जिम्मेदार ठहराए जाने के मामले को आईपीएस एसोसिएशन ने गंभीरता से लिया है. एसोसिएशन ने सरकार से जस्टिस विष्णु सहाय आयोग पर जल्दबाजी में कोई फैसला न किये जाने की अपेक्षा के साथ ही सुभाष दुबे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई रोकने की मांग की है.
बता दें कि जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट में दंगों के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया गया था और नेताओं को क्लीनचिट दी गई थी.
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