20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 6 बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ था। इस भयानक आग में 14 लोगों की मौत हो गई और 80 लोग बुरी तरह झुलस गए। 10 लोगों का तो 90 प्रतिशत तक शरीर जल गया। ये सभी वेंटीलेटर पर हैं।
नई दिल्लीः जयपुर में भीषण आग में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। 80 लोग घायल हैं, जिनमें से 30 की हालत गंभीर है। इनमें से कई की हालत गंभीर है। राजस्थान की राजधानी में हुए इस भीषण हादसे में कई मृतकों के शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही है। ऐसे शवों की पहचान के लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया है। मृतकों के डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि आग में जलकर राख हुई बस का परमिट 16 महीने पहले ही खत्म हो चुका था।
इस बीच जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने जांच कमेटी गठित कर दी है। इस जांच कमेटी में अलग-अलग विभागों के छह अधिकारियों को शामिल किया गया है। जितेंद्र कुमार सोनी ने शुक्रवार को जांच कमेटी के लिए आदेश जारी किया। जिला कलेक्टर ने बताया कि जयपुर के भांकरोटा में एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच हुई दुर्घटना की जांच के लिए कमेटी गठित करने का आदेश राज्य सरकार की ओर से जारी किया गया था।
आपको बता दें कि 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 6 बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ था। धमाके के बाद आग की लपटें दूर-दूर तक फैल गईं, जिसने वहां से गुजर रहे करीब 40 वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। इस भयानक आग में 14 लोगों की मौत हो गई और 80 लोग बुरी तरह झुलस गए। 10 लोगों का तो 90 प्रतिशत तक शरीर जल गया। ये सभी वेंटीलेटर पर हैं।
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