अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पति की तरफ से तीन बार तलाक कहकर तलाक दिए जाने के खिलाफ मुस्लिम महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अलीगढ़ जिले के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मोहम्मद जहीरूद्दीन सिद्दीकी ने गुस्से में अपनी बीवी अफशा खान को तीन बार तलाक कह दिया. पति के इस व्यवहार से गुस्साई बेगम अफशा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है.
अफशा ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अन्याय है और इस अन्याय को ऐसे व्यक्ति ने किया है जिसे न्याय देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अफशा का आरोप है कि वह इस न्यायाधीश और उसके परिवार की तरफ से कई बार प्रताड़ित भी की गई है. अफशा ने मांग की है कि समाज में सही संदेश देने के लिए उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए.
मानवाधिकार कार्यकर्ता के पास पहुंची अफशा
यह मामला तब सामने आया जब अफशा मुख्य न्यायाधीश और इलाहबाद उच्च न्यायालय को भेजे गए पत्रों के साथ एक मानवाधिकार कार्यकर्ता मारिया आलम उमर के पास जा पहुंची. उमर ने कहा कि इस महिला के पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा गया है. मारिया आलम उमर न्यायाधीश की पत्नी को न्याय दिलाने के लिए आगे आएं.
‘शरीयत के अनुसार दिया तलाक’
पत्नी को मौखिक रुप से दिए तलाक के संबध में जहीरूद्दीन का कहना है कि पत्नी के तरफ से हो रहे अत्याचार को लेकर हम तमाम कोशिशों के बावजूद समझौते तक नहीं पहुंच सकें. इसलिए हमने शरीयत के अनुसार उसे तलाक दे दिया.
बता दें कि पिछले साल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि तीन बार तलाक बोलने की इस प्रणाली में बदलाव की गुंजाइश नहीं है