बता दें कि उन्हें साहित्य पुरस्कार और पद्मश्री जैसे सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है. 12 अक्टूबर 1938 को जन्में निदा फाजली ने कई फिल्मों के लिए गीत लिखे थे जिनमें “सरफरोश’ का गाना ‘होश वालों को खबर क्या’ शामिल है.
निदा फाज़ली के बारे में कुछ खास बातें
12 अक्टूबर 1938 को दिल्ली के एक कश्मीरी परिवार में जन्मे निदा फाजली ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अपनी शिक्षा पूरी की उनका वास्तविक नाम मुक्तदा हसन था. भारत-पाक बंटवारे के समय उनके माता-पिता पाकिस्तान चले गए लेकिन फाजली ने भारत रहने का फैसला किया.
मैगजीन से बॉलीवुड तक
1964 में फाजली नौकरी की तलाश में मुंबई आए. शुरुआत में उन्होंने ‘धर्मयुग’ और ‘ब्लिट्ज’ मैगजीन के लिए कविताएं लिखीं. उनकी इस काबिलियत को देखते हुए बाद में धीरे-धीरे उन्हें कवि सम्मेलनों और मुशायरों के लिए आमंत्रण आने लगे. उन्होने लिखा था ”दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है, मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है.”
उनकी लिखी बहुत सी मशहूर कविताओं और गजलों को हिन्दी फिल्मों में जगजीत सिंह और कुछ अन्य गायाकों की आवाज ने एक अलग पहचान दिलाई. इसमें होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है (सरफ़रोश), आ भी जा (सुर), तू इस तरह से मेरी जिंदगी में (आप तो ऐसे ना थे), कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता (आहिस्ता-आहिस्ता) आदि थे.
इन अवार्ड्स से नवाजे गए
1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2003 में स्टार स्क्रीन अवार्ड फॉर बेस्ट लिरिक्स (सुर), 2003 में बॉलीवुड मूवी अवार्ड, 2013 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया.