मुंबई. असहिष्णुता मुद्दे को लेकर काफी लंबे समय से बचते हुए दिग्गज नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है. पवार ने मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि भारत को हिन्दू राष्ट्र में बदलने के प्रयास किए जा रहा है. जो देश के लिए खतरनाक है. इससे देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को नुकसान पहुंचेगा. ये बात उन्होंने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में एक कार्यक्रम के दौरान कही.
‘युवाओं में जागरूकता की आवश्यकता’
पवार ने ये भी कहा कि युवाओं के बीच जागरूकता पैदा किए जाने की आवश्यकता है कि कुछ लोग समाज में जहर फैलाने के लिए उन्हें भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. इन मुद्दों पर आलेख लिखे जाने की आवश्यकता है और बहस किया जाना चाहिए.
‘मुस्लिम विरोधी नहीं थे शिवाजी महाराज’
पवार ने कहा कि कुछ लोग इतिहास को लेकर अफवाहें उड़ा रहें हैं कि शिवाजी महाराज मुस्लिम विरोधी थे. यह सरासर गलत है. बल्कि तथ्य यह है कि उन्होने तो अपनी सेना में मुस्लिमों को बड़े-बड़ें पदों पर तैनात किया था. इसी प्रकार से इतिहास को काफी गलत तरीके से बता रहें हैं. जिससे यह धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता के लिए अच्छा नहीं है.
पवार की ट्वीट
इसके अलावा पवार ने अपने संबोधन के बाद ट्वीट करके कहा कि. इतिहासकार मौजूदा माहौल में असहिष्णुता को लेकर चिंतित हैं. यह काफी खतरनाक है. जिस तरीके से हिन्दू राष्ट्र के विचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.’ उन्होने ये भी कहा कि इतिहासकारों के साथ उनकी बैठक सिर्फ पहला कदम है और आंदोलन को जीवित रखने के लिए विभिन्न समूहों का आयोजन कर वह इस मुद्दे को आगे ले जाएंगे.