पणजी. आरएसएस की गोवा इकाई के प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने भारतीय भाषाओं के मुकाबले अंग्रेजी भाषा के प्रति झुकाव पर राज्य की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं के साथ राज्य में धोखा किया गया है.
वेलिंगकर ने कहा कि उनके नेतृत्व वाला क्षेत्रीय भाषाओं का मोर्चा जल्द ही राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा और गोवा के लोगों को बताएगा कि भाषा के मुद्दे पर पर्रिकर और बीजेपी के रुख में बदलाव के क्या नुकसान होंगे.
पणजी में एक संवाददाता सम्मेलन में वेलिंगकर ने ये बातें कही। राज्य में आरएसएस का चेहरा माने जाने वाले वेलिंगकर ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मनोहर पर्रिकर द्वारा भारतीय भाषा सुरक्षा मंच की बैठकों में शामिल न होने के आदेश को न मानें. पर्रिकर ने सोमवार को राज्य बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बैठक में यह बात कही थी.
वेलिंगकर ने कहा, “राज्य में स्कूलों में शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी पर क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं को तरजीह देने के वादे पर पर्रिकर और बीजेपी ने यू-टर्न ले लिया है. हम एक राज्यव्यापी जनजागरण अभियान से इसका पर्दाफाश करेंगे, लोगों को इन दोनों के द्वारा किए गए विश्वासघात से अवगत कराएंगे.”
राज्य में शिक्षा के माध्यम को लेकर बीते कुछ सालों में रोमन कैथलिक चर्च समर्थित राइट्स ऑफ चिल्ड्रेन टू एजुकेशन और आरएसएस समर्थित भारतीय भाषा सुरक्षा मंच के बीच ठनी हुई है. राइट्स ऑफ चिल्ड्रेन टू एजुकेशन का कहना है कि शिक्षण का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए. जबकि, आरएसएस के मंच का कहना है कि ये देसी भाषाओं में होना चाहिए. बीजेपी 2012 के विधानसभा चुनाव में कैथलिक समुदाय के समर्थन से सत्ता में आई थी. वह इन दोनों धड़ों के बीच फंस कर रह गई है.
विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मनोहर पर्रिकर की सरकार ने तय किया था कि केवल उन अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को सरकारी मदद दी जाएगी जो अंग्रेजी भाषा में शिक्षा दे रहे हैं. नए स्कूलों को यह हक नहीं दिया गया था. वेलिंगकर अब बीजेपी और पर्रिकर के फैसले को पाखंडपूर्ण और आरएसएस के मूल्यों से मेल न खाने वाला बता रहे हैं.