पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और 91 अन्य नगर निकायों के लिए हुए चुनाव में भारी जीत दर्ज की है. इस चुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था. पश्चिम बंगाल के 92 नगर निकायों के लिए हुए चुनावों की गुरुवार को मतगणना हुई. मतगणना में कोलकाता नगर निगम और 91 अन्य नगर निकायों में राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने बंपर जीत हसिल की.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और 91 अन्य नगर निकायों के लिए हुए चुनाव में भारी जीत दर्ज की है. इस चुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था. पश्चिम बंगाल के 92 नगर निकायों के लिए हुए चुनावों की गुरुवार को मतगणना हुई. मतगणना में कोलकाता नगर निगम और 91 अन्य नगर निकायों में राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने बंपर जीत हसिल की.
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी यह जीत विपक्ष द्वारा उन्हें बदनाम करने के अभियान को करारा जवाब है. वहीं, प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टियों ने सत्तारूढ़ पार्टी पर हिंसा व चुनावी गड़बड़ी कर राज्य में लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया. कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डो में से 114 वार्डो पर जीत का ध्वज लहराया. वाम मोर्चे को 15 वार्डो पर जीत हासिल हुई है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सात और कांग्रेस को पांच वार्डो में जीत मिली है.
राज्य में अन्य स्थानों पर भी तृणमूल कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और 91 नगर निकायों में से इसने 70 निकायों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस को चार और वाम मोर्चे को पांच निकायों पर ही जीत मिली है. पूर्वी महानगर से महापौर शोवन चटर्जी ने वार्ड संख्या 131 से 5,500 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा कि यह जीत आम आदमी के समर्थन का संकेत है.
एक बार पुन: महापौर बनने की संभावनाओं के बीच चटर्जी ने कहा, “लोगों की भलाई के लिए हम और अधिक जिम्मेदारी से काम करेंगे.” तृणमूल कांग्रेस को झटका भी लगा है और उप-महापौर फरजाना आलम और बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष सच्चिदानंद बंदोपाध्याय को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं दूसरी ओर कोलकाता नगर निगम में विपक्ष की नेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उम्मीदवार रूपा बागची बार्ड संख्या 32 से हार गई हैं.
अपनी हार के लिए उन्होंने सत्ताधारी पार्टी द्वारा बड़े पैमाने पर की गई हेराफेरी को जिम्मेदार ठहराया. बागची ने कहा, “राज्य निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना रहा. बाहर के लोगों ने मतदान किया और बड़े पैमाने पर धांधली हुई.” राज्य के दक्षिणी हिस्सों में तृणमूल ने सभी विपक्षी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया. उत्तरी 24 परगना, नादिया, पूर्वी मिदनापुर, पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली जिले के लगभग सभी नगर निकायों में तृणमूल कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है.
विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि चुनाव जीतने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर हिंसा, उपद्रव और अनुचित तरीके अपनाकर जीत दर्ज की है. वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि उत्तरी 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, नादिया तथा हुगली के 49 निकायों में आतंक का भय बनाकर हिंसा के जोर पर तृणमूल ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि चुनाव की कहानी के दो कोण हैं पहला भाजपा का ऊपर उठना, तृणमूल के बाहुबल का प्रदर्शन.
वहीं राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने भी कथित हिंसा के लिए तृणमूल को आड़े हाथ लिया. 30 अप्रैल को वाम मोर्चे ने इसके विरोध में 12 घंटे की हड़ताल और भाजपा ने पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है. इसी दिन वाम मोर्चा और कांग्रेस से संबद्ध विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने भी एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.