रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक पिता ने अंधविश्वास के जाल में फंसकर अपने बेटे की ही बलि दे दी. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि आर्थिक संपन्नता और घरेलू समस्याओं से निजात पाने के लिए उसने अपने ही बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी.
क्या है मामला?
रायगढ़ जिले के एसपी संजीव शुक्ला ने बताया कि इसी महीने की 7 तारीख को जिले के गोरखा क्षेत्र में 14 साल के लड़के की सिर कटी लाश मिली थी. लाश के पास ही उसका सिर, धारदार चाकू और पूजा-पाठ की कुछ सामग्री पड़ी थी. शिनाख्त करने पर पता चला कि लाश चन्दन पुत्र रणविजय भारती की है.
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को पूछताछ के बाद जब यह मालूम चला कि आखिरी बार चन्दन अपने पिता के साथ देखा गया था. उसके बाद पिता के फोन की कुंडली खंगाली गई. घटना का खुलासा उस मोबाइल से हुआ जिससे कि रणविजय ने अपने बेटे चन्दन की बात उसकी मां से करवाई थी. हत्या के बाद रणविजय अपने गांव आजमगढ़ भाग गया था जहां से पुलिस ने उसे आज गिरफ्तार कर लिया है.
अंधविश्वास में दे दी बेटे की बलि
एसपी ने बताया कि रणविजय अंधविश्वासी है और जादू टोने में ज्यादा विश्वास करता है. अपने ठेकेदारी के काम में हो रहे नुकसान की वजह भी वह यही समझता था कि किसी ने उस पर जादू-टोना कर दिया है. इसके बाद उसने ‘इंद्रजाल’ नाम की किताब पढ़ी और उसके हिसाब से पूजा-पाठ और अनुष्ठान किया और पूर्ण सिद्धि के लिए अपने ही बेटे की बलि दे दी.