कोलकाता. मालदा और पूर्णिया की हिंसक घटनाओं को देश के लिये चिंताजनक करार देते हुए बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि असहिष्णुता के नाम पर सरकारी पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियां इन वाकयों पर अब चुप क्यों हैं.
विजयवर्गीय ने कहा कि असहिष्णुता के नाम पर सरकारी पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियां इन घटनाओं पर खामोश क्यों हैं. उन्होंने कहा कि कमर मटकाकर पैसे कमाने वाले कुछ अभिनेता जो पिछले दिनों देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कर रहे थे, क्या वे मालदा और पूर्णिया की घटनाओं पर भी कुछ टिप्पणी करेंगे.
टीएमसी पर लगाए तस्करी के आरोप
विजयवर्गीय ने कहा ने आरोप लगाया कि मालदा की हिंसक घटना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और ऐसे असामाजिक तत्वों की प्रमुख भूमिका थी जिन पर बांग्लादेश से गायों, अफीम और नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी के गंभीर आरोप हैं.
विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह रही हैं कि मालदा की घटना सांप्रदायिक झगड़ा नहीं थी. चलिये, हम एक पल को उनकी बात मान लेते हैं. लेकिन क्या वह मालदा की घटना में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के शामिल होने के सवालों का जवाब देंगी.
‘बांग्लादेश न बन जाए पश्चिम बंगाल’
विजयवर्गीय ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों में मालदा की घटना को चुनावी मुद्दा नहीं बनाना चाहते. लेकिन इस प्रदेश के लोगों को इस बात की चिंता जरूर करनी चाहिये कि अगर ममता और उनकी सरकार इस घटना में शामिल लोगों के पक्ष में यूं ही खड़ी रहती है, तो कहीं ऐसा न हो कि पश्चिम बंगाल आने वाले दिनों में मिनी बांग्लादेश बन जाए.
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