नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1991 को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष बताया और कहा कि यदि देश की अर्थव्यवस्था और पहले खोली गई होती तो और बेहतर परिणाम निकलते. जेटली यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रथम निदेशक डीपी कोहली की स्मृति में आयोजित व्याख्यान दे रहे थे. उन्होंने कहा कि 1991 एक महत्वपूर्ण वर्ष था, जब देश ने नागरिकों की ऊर्जा को खुला अवसर देने का फैसला किया.
‘महत्वाकांक्षी भारत के सामने आर्थिक चुनौती’ विषय पर जेटली ने अपने भाषण में कहा, “मैं हमेशा से 1991 को महत्वपूर्ण साल मानता हूं. जो 1991 में शुरू हुआ, उसे कम से कम एक दशक पहले शुरू होना चाहिए था. इस साल भारत ने नागरिकों की ऊर्जा को नियंत्रित करने की जगह उसे मुक्त अवसर देने का फैसला किया गया.” उन्होंने कहा, “हम आज जहां हैं, उससे आगे हो सकते थे.”
जेटली ने पिछली सरकार का नाम न लेते हुए कहा कि निर्णय निर्माण की विश्वसनीयता का मूल्य हमें चुकाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि विकास दर घटने लगी थी, महंगाई बढ़ने लगी थी और वैसे समय में निर्णय न ले पाने का मूल्य हमें चुकाना पड़ा. उन्होंने कहा कि 2014 में देश में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ. जेटली ने कहा, “2014 में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ। 30 साल बाद स्पष्ट जनादेश मिला.” उन्होंने कहा कि अब महत्वपूर्ण विषय पर तेजी से फैसला किया जा सकता है.
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