जब मुस्लिम एंकर से बोले माधव, तुम अपने ISIS की चिंता करो

समाचार चैनल अल जज़ीरा के कार्यक्रम 'हेड टू हेड' के एंकर मेहदी हसन अपने कार्यक्रम के दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव से कड़े सवाल-जवाब करने को लेकर ट्विटर पर निशाना बनाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ कार्यक्रम के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए माधव ने आतंकी संगठन ISIS को मेहदी का बता डाला. माधव को भी अपने इस बयान को लेकर काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं.

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जब मुस्लिम एंकर से बोले माधव, तुम अपने ISIS की चिंता करो

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  • December 28, 2015 8:12 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. समाचार चैनल अल जज़ीरा के कार्यक्रम ‘हेड टू हेड’ के एंकर मेहदी हसन अपने कार्यक्रम के दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव से कड़े सवाल-जवाब करने को लेकर ट्विटर पर निशाना बनाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ कार्यक्रम के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए माधव ने आतंकी संगठन ISIS को मेहदी का बता डाला. माधव को भी अपने इस बयान को लेकर काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं. 
 
 

राम माधव ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा साक्षात्कार लेने वाले मेहदी से कहा कि हम कश्मीर की चिंता कर रहे हैं आप अपने आईएस की चिंता कीजिए. राम माधव की यह बात सुनकर मेहदी हसन ने तीन बार इस बात को दोहराया मेरा आईसआईएस. एंकर ने सोशल मीडिया पर राम माधव को कटघरे में खड़ा किया राम माधव ने अपने इस बयान से हंसकर किनारा करने की कोशिश की लेकिन यह उनके लिए मददगार साबित नहीं हुआ. मेहदी हसन ने इसमुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाकर इस मामले पर नयी बहस शुरु कर दी है. 
 

तकरबीन 45 मिनट के साक्षात्कार में मेंहदी सहन ने कश्मीर, भारत पाक के रिश्ते और कश्मीर में अशांति के मुद्दे पर दनादन सवाल दागे माधव ने कश्मीर के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि हम कश्मीर के मुद्दें को सुलझा रहे हैं आप चिंता ना करे. आपका आईएस हासिल कर सकता है परमाणु हथियार इसके बाद मेंहदी ने कहा कि हम इसलिए चिंतित हैं क्योंकि पूरी दुनिया दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध को लेकर चिंतिंत है क्योंकि आप इस मुद्दे को सुलझा नहीं पा रहे हैं. इस सवाल के जवाब में माधव ने कहा कि उन चीजों की चिंता करें जो दुनिया में हो रही है, आपका आईएस परमाणु हथियार हासिल कर सकता है. भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश एक होंगे यही नहीं माधव ने कहा कि आरएसएस का मानना है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक दिन फिर से मिल एकजुट हो जायेंगे. यह युद्ध के जरिए नहीं बल्कि लोगों की इच्छा से होगा.

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