नई दिल्ली. भारत को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस संसद भवन के लिए एक नई इमारत मिल सकती है जिसका प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने किया है. अध्यक्ष ने कहा है कि वर्तमान 88 साल पुरानी इमारत पर बढ़ती उम्र का असर दिखने लगा है और यह अधिक जगह की बढ़ती मांग को पूरा करने में अब सक्षम नहीं है.
महाजन ने इस बारे में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है और उनसे नये संसद भवन परिसर के निर्माण के कार्य को शुरू करने पर विचार करने को कहा है. इसके लिए दो वैकल्पिक स्थल सुझाएं हैं. एक संसद भवन परिसर में ही और दूसरा समीप ही राजपथ के उस स्थान पर जहां रक्षा और दिल्ली पुलिस के कुछ बैरक स्थित हैं.
सूत्रों ने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय को लिखे पत्र के अनुरूप ऐसी संभावना है कि मंत्रालय कैबिनेट के लिए एक नोट तैयार करेगा जहां उस पर विचार किया जा सकता है.
अपने पत्र में सुमित्रा महाजन ने लिखा है कि साल 2026 के बाद लोकसभा के सीटों की संख्या बढ़ने की संभावना है और यह संविधान के अनुच्छेद 81 के उपबंध 3 के तहत हो सकता है. अभी लोकसभा में बैठने की क्षमता 550 सीटों की है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता है. इस अनुच्छेद के तहत 2026 में 2021 की संभावित जनगणना के अनुरूप प्रतिनिधित्व की संख्या को फिर से तय किया जा सकता है.
संसद के लिए नए भवन की जरूरत को उचित ठहराते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब 1927 में वर्तमान इमारत को सेवा में लिया गया था तब कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों, मीडिया, संसद में कामकाज देखने आने वाले लोगों की संख्या सीमित थी लेकिन इन सालों में यहां आने वाले लोगों की संख्या कई गुणा बढ़ गई है.