भोपाल. मध्य प्रदेश के सागर में बण्डा तहसील के पंचायत पथरिया चमारी ने एक दलित परिवार के लिए तुगलकी फरमान सुनाया है. यहां दलित परिवार को गांव के अंदर किसी भी रसूख रंगदार के घर से गुजरते समय अपने सिर पर जूता-चप्पल रखना पड़ता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक केथोरा गांव में गुलजारी धानक का परिवार कई महीनों से गांव की पंचायत के एक अजीबो-गरीब फैसले से परेशान है. इस परिवार को गांव की पंचायत ने यह फैसला सुनाया है कि गांव में किसी भी कार्यक्रम से दूर रहे.
साथ ही जब वह गांव के किसी रसूक रंगदार के घर के सामने निकलेंगे तो उस रसूक रंगदार के घर के परिवार के सामने अपने सिर पर जूते चप्पल रख कर निकलना पडेगा.
क्या है मामला?
दरअसल इस परिवार की नाबालिग लड़की को इस गांव के रसूक राजेन्द्र सिंह भगाकर ले गए. इसके बाद इस परिवार ने पुलिस की मदद लेनी चाही लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली. जब राजेन्द्र सिंह के परिवार वालों को यह पता चला कि राजेन्द्र दिल्ली में है.
वह एक बिटिया का बाप बन गया है तो राजेन्द्र के परिजन दिल्ली पहुचें और राजेन्द्र सिंह को अपना जातिगत रसूक दिखाकर पैदा हुए मासूम का कत्ल कर दिया जिसका मामला दिल्ली के थाणे कृष्ण गंज इलाके में दर्ज है.
दलित परिवार का कहना है कि राजेंद्र के परिवारवाले चाहते हैं कि आरोपी के खिलाफ जो रिपोर्ट की है उस का राजिनामा कर ले. ऐसा नहीं करने के कारण रसूक रंगदारों ने परिवार का हुक्का पानी बन्द कर दिया और पूरे गांव से बेदखल कर दिया.