नई दिल्ली. नेताजी सुभाषचंद्र बोस को लेकर एक ताज़ा दावा सामने आया है और इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से गुहार भी लगाई गई है. क्या साल 1966 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस रूस के ताशंकद में थे? क्या नेताजी उस वक़्त के पीएम लाल बाहदुर शास्त्री के साथ मौजूद थे.
ये सवाल इसलिए उभर रहे हैं क्योंकि एक ब्रिटिश एक्सपर्ट ने फोरेंसिक ब्रेन मैपिंग रिपोर्ट के आधार पर ये दावा किया है कि 1966 के ताशकंद वीडियो में लाल बहादुर शास्त्री के पीछे नेताजी सुभाषचंद्र बोस दिख रहे हैं. खास बात ये है कि यह वीडियो नेताजी को मृत घोषित किए जाने के 21 साल की बाद है.
अब ब्रिटिश एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे रुस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन पर इस वीडियो की सच्चई से पर्दा उठाएं. पीएम मोदी इसी महीने रूस के दौरे पर जा रहे हैं. आपको बता दें कि उसी ताशकंद दौरे के दौरान शास्त्री की मौत 11 जनवरी, 1966 में हुई थी, जबकि ऐसे दावे किए जाते रहे हैं कि 18 अगस्त, 1945 को ही ताइपे में नेताजी की मौत हो गई थी. हालांकि, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर नेताजी की मौत का एलान नहीं किया है.