मुंबई. प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ आवज तेज होती जा रही है. दरगाह के संरक्षकों और मुस्लिम औरतों के अधिकारों की रक्षा करने वाले एक संगठन के बीच अब एक कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. जिसकी सुनवाई 15 नवंबर को होगी.
2011 से इस दरगाह के गर्भगृह में औरतों का जाना बैन कर दिया था क्योंकि दरगाह की ट्रस्ट का कहना है कि पुरूष मुस्लिम संत की मजार के बहुत निकट महिलाओं का प्रवेश इस्लाम के अनुसार गंभीर गुनाह है. इस पर दरगाह के न्यासियों ने बताया कि हमने पत्र लिखकर कोर्ट को बता दिया है कि पुरूष मुस्लिम संत की मजार के बहुत निकट महिलाओं का प्रवेश इस्लाम के अनुसार गंभीर गुनाह है. बाकि मामला कोर्ट में है, कोर्ट 15 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में इस मामले का निपटारा कर देगी.
वहीं मुस्लिम औरतों के अधिकारों के एक संगठन ने बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि यह बैन असंवैधानिक है और हम उम्मीद जताते हैं कि इसके सकारात्मक फैसले से भारत भर में महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर बेहतर असर पड़ेगा. महिला संगठन ने अदालत में दलील दी थी कि अन्य दरगाहों या धार्मिक स्थलों पर महिलाओं की एंट्री बैन नहीं है फिर हाजी अली दरगाह में पाबंदी क्यों है?
बता दें कि मुंबई की यह दरगाह सिर्फ मुसलमानों में ही नहीं, हिंदुओं और पर्यटकों के भी आकर्षण का केंद्र है.